अतिक्रमण हटा; फिर?


गंगा तट की सीढ़ियों का अतिक्रमण हट गया। इस काम में कई लोग लगे थे, पर हमारी ओर से लगे थे श्री विनोद शुक्ल। पुलीस वालों से और स्थानीय लोगों से सम्पर्क करना, उनको इकठ्ठा करना, समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में सहायक बनना – यह उन्होने किया। मैने विनोद शुक्ल को धन्यवाद दिया।Continue reading “अतिक्रमण हटा; फिर?”

सीमाओं के साथ जीना


हम चाहें या न चाहें, सीमाओं के साथ जीना होता है। घाट की सीढियों पर अवैध निर्माण गंगा किनारे घूमने जाते हैं। बड़े सूक्ष्म तरीके से लोग गंगा के साथ छेड़ छाड़ करते हैं। अच्छा नहीं लगता पर फिर भी परिवर्तन देखते चले जाने का मन होता है। अचानक हम देखते हैं कि कोई घाटContinue reading “सीमाओं के साथ जीना”

महानता से छूटा तो गंगा को भागा


महानता से पगहा तुड़ा गंगा तट पर भागा। देखा कि तट के पास वाली मुख्य धारा में पानी और कम हो गया है। अब तो एक कुक्कुर भी आधा तैरता और आधा पैदल चलता पार कर टापू पर पंहुच गया। पानी कम होने के साथ किनारे छोडती गंगा माई की गंदगी और झलकने लगी। आगेContinue reading “महानता से छूटा तो गंगा को भागा”

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