कुछ बेतरतीब विचार


1. भुल्लर यादव की पतोहू गाय की नांद में कबार डालती जा रही थी और कान से सटाये मोबाइल से बतियाये भी जा रही थी। अच्छा लगा। भुल्लर यादव की पतोहू का पति एक सड़क दुर्घटना में पर साल चला गया था। जिन्दगी जीने का अपना रास्ता खोज लेती है। 2. वह बुढ़िया पगलोट है।Continue reading “कुछ बेतरतीब विचार”

नया कुकुर : री-विजिट


फरवरी 2009 में एक पोस्ट थी, नया कुकुर । भरतलाल एक पिल्ले को गांव से लाया था और पुराने गोलू की कमी भरने को पाल लिया था हमने। उसका भी नाम हमने रखा गोलू – गोलू पांड़े। उसके बाद वह बहुत हिला मिला नहीं घर के वातावरण में। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की कबीर उसने आत्मसातContinue reading “नया कुकुर : री-विजिट”

एक अधकचरा इण्टरव्यू


मानसिक हलचल ने ज्ञानदत्त पाण्डेय का यह इण्टरव्यू लिया है। बहुत कुछ वैसे कि अखबार के मालिक का इण्टरव्यू छापने को सम्पादक बाध्य होता है; मैं ब्लॉग मालिक का यह इण्टरव्यू छाप रहा हूं। माह [मानसिक हलचल]  – पांड़े जी, आप साहित्य के नाम से नाक भौं सिकोड़ते हैं। क्या बतायेंगे कि आप ऐसा क्योंContinue reading “एक अधकचरा इण्टरव्यू”

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