शुगर फ्री सच की दरकार


सच बोलो; मीठा बोलो। बहुत सच बोला जाना लगा है। उदात्त सोच के लोग हैं। सच ठेले दे रहे हैं। वही सच दे रहे हैं जो उन्हें प्रिय हो। खूब मीठे की सरिता बह रही है। करुणा भी है तो मधु युक्त। डायबिटीज बढ़ती जा रही है देश में। शुगर फ्री ज्यादा बुद्धिवादी सच ठिलाContinue reading “शुगर फ्री सच की दरकार”

चलो बुलावा आया है, जंगल ने बुलाया है!


"पास के जंगल मे चमकने वाले पौधे का पता चला है। आप जल्दी आ जाइये।" ज्यों ही बरसात का मौसम आरम्भ होता है प्रदेश भर से ऐसे फोन आने शुरु हो जाते हैं। फोन आते ही बिना विलम्ब किराये की गाडी लेकर उस स्थान पर पहुँचना होता है। कभी दो घंटे का सफर होता हैContinue reading “चलो बुलावा आया है, जंगल ने बुलाया है!”

"भगवान की बुढ़िया" खतम होने के कगार पर


बीरबहूटी, रेड वेलवेट माइट या भगवान जी की बुढ़िया ग्रामीण परिवेश से जुडे पाठको ने तो चित्र देखकर ही इसे पहचान लिया होगा पर शहरी पाठकों के लिये इस जीव को जान पाना मुश्किल है। अभी जैसे ही मानसूनी फुहार आरम्भ होगी नदियों के आस-पास नरम मिट्टी मे लाल मखमली चादर फैल जायेगी। असंख्य छोटे-छोटेContinue reading “"भगवान की बुढ़िया" खतम होने के कगार पर”

Design a site like this with WordPress.com
Get started