पूरे दस साल बाद यह रीपोस्ट। इसके दो चित्र मैंने बिंग फोटो जेनरेटर AI से बनाये हैं।
नोश्टॉल्जिया और भविष्य की तकनीक का एक घालमेल।
और बदलती जलवायु का अभास भी। आज प्रचण्ड गर्मी है और तब तेज बारिश हुई थी!
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रीपोस्ट – कोंहड़ौरी (वड़ी) बनाने का अनुष्ठान – एक उत्सव
सबसे पहले सात सुन्दर वड़ियां खोंटी जाती थीं। यह काम घर की बड़ी स्त्री करती थी। उन सात वड़ियों को सिन्दूर से सजाया जाता था।
अर्थ यह था कि जितनी सुन्दर कोंहड़ौरी है, वैसी ही सुन्दर सुशील बहू घर में आये।
