बारिश का मौसम कई दिन से चल रहा है।
आजकल स्त्रियों ने उपले पाथना बंद कर दिया है। उपड़ऊर बारिश के पानी से भीग कर खराब न हो जाये, उसके लिये तिरपाल, डण्ठल, कपड़ा – जो भी साधन मिला, उसका प्रयोग किया गया है।
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मिश्रीलाल सोनकर से एक और मुलाकात
पचासी साल का आदमी, अपने बारे में लिखा देख और सुन कर कितना प्रसन्न होता है, वह अहसास मुझे हुआ। उनकी वाणी मुखर हो गयी। बताया कि अपनी जवानी में वे मुगदर भांजा करते थे। “सामने क लोग मसड़ (मच्छर) अस लागत रहें तब।”
#Status जल के लिये पाइप बिछाना
जिस तेजी से काम हो रहा है, उससे लगता है अगला चुनाव पानी पर लड़ा जायेगा!
भारत में अगर जल प्रबंधन का सिक्का जम गया तो भाजपाई “चार सौ पार” का नारा उसी पर गढ़ लेंगे। “जल आपके द्वार; भाजपा चार सौ पार।”
साइलेंसर रिपेयर का जुगाड़
भारत एक जुगाड़ प्रधान देश है। जितनी छोटी जगह होगी, उतना दिमाग जुगाड़ में लगेगा – ऐसा मैंने देखा है। घर की अनेकानेक चीजें, जिन्हे शहर में बेकार समझ कर फैंक दिया जाता है, गांव या कस्बों में रिपेयर-रफू कर साल दर साल चलाई जाती हैं।
#Status सलीके से सोता शराबी
भला हो उस सोते व्यक्ति का। उसके कारण मुझे यह ज्ञान मिला कि देसी शराब के इनग्रेडियेण्ट्स, भाव और उत्पादक कहां/कौन हैं! और यह कि अच्छा दूध देसी दारू के मुकाबले छ गुना सस्ता है!
शिव जग यादव और अखबार
शिव जग जी भदोही में वाचमैन हैं। साइकिल पच्चीस किमी चला कर शाम को ड्यूटी पर जाते हैं और सवेरे यहां महराजगंज से अखबार लेते वापस लौटते हैं। एक दिन में 50किमी साइकिल चलाना!