फिर मिले शिव जग यादव


भारत आर्टीफीशियल इण्टेलिजेंस की दुनियां में छलांग लगा रहा है। आये दिन चैटजीपीटी के कारनामों की चर्चा होती है। पर अभी भी एक बड़ी आबादी इन सबसे अछूती है या इन सब को जोड़ कर ह्वाट्सएप्प के खांचे में डाल देती है।

राजू सफाईवाला का परिवार


दुकानदार मुझे राजू के काम के बारे में बताते हैं – “इनके बिना तो काम ही नहीं चलता। एक दिन ये न आये तो पूरा बाजार बजबजाता रहता है। कोई ग्राहक आना पसंद नहीं करता। इसके लिये हम लोग पांच-पांच रुपया देते हैं?”

सुरेश पटेल


कई लोग – लगभग 2-3 सौ लोग, जो मुझे मेरे लेखन के कारण नहीं, मेरे पद के कारण मुझसे सोशल मीडिया पर जुड़े थे, वे एक एक कर गायब हो रहे थे। पर जो जुड़ रहे थे, उनमें मैं सुरेश पटेल को ही याद करता हूं। वह जुड़ाव आज भी है। और गहरा!

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