कार्तिक अमावस की सांझ


विल्वपत्र की टेरी तोड़ रही थीं कोटेश्वर महादेव की मालिनें। एक बकरी उनसे स्पर्धा कर रही थी विल्वपत्र और गेंदे के फूल चबाने में। पर स्पर्धा इतनी विकट नहीं थी कि बकरी पर कोई डण्डा पड़ता। हटाने पर वह एक स्थान से दूसरे पर जा कर कुछ न कुछ चबाने को पा जा रही थी।Continue reading “कार्तिक अमावस की सांझ”

मोहन लाल और पच्चीस हजार वाले लोग


मोहन लाल को बीड़ी फूंकते पाया मैने। साथ में हीरालाल से कुछ बात कर रहे थे वे। आसपास गंगाजी की रेती में सब्जियां लगाने – बोने का उपक्रम प्रारम्भ हो चुका था। मैने बात करने की इच्छा से यूं ही पूछा – क्या क्या लगाया जा रहा है? सब कुछ – कोन्हड़ा, लौकी, टमाटर। लोगContinue reading “मोहन लाल और पच्चीस हजार वाले लोग”

टाइप-II मधुमेह और निषाद-क्षेत्र का भ्रमण


मेरी छप्पन वर्ष की अवस्था में मुझे बताया गया है कि मैं टाइप-II डायबिटीज/मधुमेह [1] की योग्यता प्राप्त कर चुका हूं। मुझे कम से कम कुछ समय तक डायबिटीज की दवाओं पर रहना होगा। धूम्रपान (जो मैं नहीं करता) से परहेज रखना होगा। मदिरापान (जो मैं नहीं करता) मॉडरेशन में रखना होगा और सप्ताह में कमContinue reading “टाइप-II मधुमेह और निषाद-क्षेत्र का भ्रमण”

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