“पहले लड़कियों की शादी कराने में मुश्किल होती थी। अब लड़कियां ज्यादा काबिल होने लगी हैं और लड़के निकम्मे। लड़की वाले भी यह समझने लगे हैं।”
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फिर मिले शिव जग यादव
भारत आर्टीफीशियल इण्टेलिजेंस की दुनियां में छलांग लगा रहा है। आये दिन चैटजीपीटी के कारनामों की चर्चा होती है। पर अभी भी एक बड़ी आबादी इन सबसे अछूती है या इन सब को जोड़ कर ह्वाट्सएप्प के खांचे में डाल देती है।
दूध कलेक्शन सेण्टर और उमा शंकर यादव
उमाकांत जी से 2-3 मिनट की बातचीत मुझे भीषण डिस्टोपियन भाव से ग्रस्त कर देती है। आम आदमी का कोई धरणी-धोरी नहीं है। सरकारें आती-जाती हैं। शिलिर शिलिर परिवर्तन होते हैं। रामराज्य कभी आयेगा? शायद नहीं…
