एक दिन में उज्जैन से इंदौर, पैदल 60 किमी चलना हुआ


महाकाल आरती के समय डमरू बजाने वाले – जीतू, शुभम और लकी – प्रेमसागर से मिलना चाहते थे। पर जब पता चला कि वे इंदौर के लिये निकल चुके हैं तो वे लोग पीछे दुपहिया वाहन पर आये और रास्ते में प्रेमसागर से मिले।

महादेव! प्रेम जी, कांवर पदयात्री का विश्राम लहा हनुमना वन रेस्टहाउस में


यह नहीं सोचा था कि शंकर भगवान अपने भक्त का कस जरूर निकालते हैं, पर कभी कभी उसके लिये व्यवस्था भी अनूठी कर देते हैं।
यह सब अगर महादेव भगवान प्रेरित मिरेकल माना जाये तो यह विश्वास हो जाता है कि शंकर जी से बड़ा कोई ‘कलाकार’ देव, देवाधिदेव हईये नहीं!

Design a site like this with WordPress.com
Get started