डाक्टर नें पंद्रह दिन की दवायें भी उन्हें फ्री में दीं। उन्हें पैदल चलने का एक अनुशासन बताया। उत्तरोत्तर बढ़ाते हुये। प्रेम सागर ने वही किया। और अब चलने की धुन इतनी हो गयी है कि 12 ज्योतिर्लिंग पदयात्रा कर रहे हैंं!
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
डाक्टर नें पंद्रह दिन की दवायें भी उन्हें फ्री में दीं। उन्हें पैदल चलने का एक अनुशासन बताया। उत्तरोत्तर बढ़ाते हुये। प्रेम सागर ने वही किया। और अब चलने की धुन इतनी हो गयी है कि 12 ज्योतिर्लिंग पदयात्रा कर रहे हैंं!