नंदिनी माता का शाब्दिक अर्थ है ‘जो आनंद की देवी हैं’। और आज प्रेमसागर जाने अनजाने में आनन्दित ही लगे अपनी बातचीत में मुझे। एक बड़ा सा प्रस्तर खण्ड है, गोल सा, जिसपर सिंदूर पुता है कि सब कुछ लाल नजर आता है। देवी का वही प्रतीक है।
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
नंदिनी माता का शाब्दिक अर्थ है ‘जो आनंद की देवी हैं’। और आज प्रेमसागर जाने अनजाने में आनन्दित ही लगे अपनी बातचीत में मुझे। एक बड़ा सा प्रस्तर खण्ड है, गोल सा, जिसपर सिंदूर पुता है कि सब कुछ लाल नजर आता है। देवी का वही प्रतीक है।