रामनगर, सब्जी मण्डी और सुरेश पटेल


क्या लागत है सब्जी की, क्या भाव हैं – थोक और खुदरा। कौन कमा रहा है – किसान या आढ़तिया? किसका रिस्क ज्यादा है? कौन सब्जी उगाता है, कौन सब्जी ले जाता है, कौन सब्जी से खेलता है?! बहुत से प्रश्न हैं।

सुरेश पटेल


कई लोग – लगभग 2-3 सौ लोग, जो मुझे मेरे लेखन के कारण नहीं, मेरे पद के कारण मुझसे सोशल मीडिया पर जुड़े थे, वे एक एक कर गायब हो रहे थे। पर जो जुड़ रहे थे, उनमें मैं सुरेश पटेल को ही याद करता हूं। वह जुड़ाव आज भी है। और गहरा!

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