टेला में तिलक


बांयी ओर ओसारे में महिलायें तैनात थींं कि मंत्रोच्चार शुरू हो तो उनकी गारी का गायन प्रारम्भ हो।
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जिंदगी तिलकही अटेण्ड करने, भोजन पर लगाम रखने और “आदतें” सुधारने में ही लगानी है। वही कर रहा हूं। आपको भी देर सबेर वही करना होगा!