प्रेम कांवरिया – पैर छिले हैं। विश्राम। रींवा।


डाक्टर नें पंद्रह दिन की दवायें भी उन्हें फ्री में दीं। उन्हें पैदल चलने का एक अनुशासन बताया। उत्तरोत्तर बढ़ाते हुये। प्रेम सागर ने वही किया। और अब चलने की धुन इतनी हो गयी है कि 12 ज्योतिर्लिंग पदयात्रा कर रहे हैंं!

सुधीर जी की सहायता, प्रेम कांवरिया को मिला फीचर फोन


दस किलोमीटर आगे चलने पर शिवजी की कृपा से रात गुजारने का चहुचक इंतजाम रहा। कार्तिक नायक जी को अजीब लगा कि इतना चलने वाला व्यक्ति इतना अल्प भोजन करता है।

महादेव! प्रेम जी, कांवर पदयात्री का विश्राम लहा हनुमना वन रेस्टहाउस में


यह नहीं सोचा था कि शंकर भगवान अपने भक्त का कस जरूर निकालते हैं, पर कभी कभी उसके लिये व्यवस्था भी अनूठी कर देते हैं।
यह सब अगर महादेव भगवान प्रेरित मिरेकल माना जाये तो यह विश्वास हो जाता है कि शंकर जी से बड़ा कोई ‘कलाकार’ देव, देवाधिदेव हईये नहीं!

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