अस्वीकृति को अधिकाधिक आमंत्रण दें


एक चीज जो आधी जिन्दगी के बाद मुझे बढ़िया (?) मिली है वह है – ब्लॉगिंग में अस्वीकृति का अभाव. आप अण्ट-शण्ट जो लिखें छाप सकते हैं.पब्लिश बटन आपके अपने हाथ में है. और भला हो नारद का, कुछ शिकार तो होते ही हैं जो आप की पोस्ट पर क्लिक कर बैठेंगे. पर क्या वास्तवContinue reading “अस्वीकृति को अधिकाधिक आमंत्रण दें”

चिठेरों को टिप्पणी-निपटान की जल्दी क्यों रहती है?


हिन्दी ब्लॉगर्स दनादन कमेंट करते है? कई बार आपको लगता है कि आप (चिठेरा) कह कुछ रहे हैं, पर टिपेरे (टिप्पणीकार) एक लाइन, एक बहुप्रचलित शब्द को चुनकर दन्न से टिप्पणी कर आगे बढ़ जाते हैं. आप का मन होता है कि आप फिर से एक स्पष्टीकरण लिखें. टिपेरों का पुन: आह्वान करें – हेContinue reading “चिठेरों को टिप्पणी-निपटान की जल्दी क्यों रहती है?”

क्रोध पर नियंत्रण कैसे करें?


मेरे घर और दफ्तर – दोनो जगहों पर विस्फोटक क्रोध की स्थितियां बनने में देर नहीं लगतीं। दुर्वासा से मेरा गोत्र प्रारम्भ तो नहीं हुआ, पर दुर्वासा की असीम कृपा अवश्य है मुझ पर. मैं सच कहता हूं, भगवान किसी पर भी दुर्वासीय कृपा कभी न करें. क्रोध पर नियंत्रण व्यक्ति के विकास का महत्वपूर्णContinue reading “क्रोध पर नियंत्रण कैसे करें?”

Design a site like this with WordPress.com
Get started