दो शब्द ले लें जिनमे कुछ भी कॉमन न हो और शीर्षक बना दें. कितना ध्यानाकर्षक शीर्षक बनेगा! वही मैने किया है. आलोक और बोरियत में कोई कॉमनालिटी नहीं है. आलोक पुराणिक को मरघट के दृष्य पर लिखने को दे दें – मेरा पूरा विश्वास है कि वे जो भी अगड़म-बगड़म लिखेंगे उससे आप अपनीContinue reading “आलोक पुराणिक और बोरियत”