"रोल माडल" और वजन कम करने की बमचक पर रपट


बड़ी बमचक मची है. आलोक ९११ ने एक नयी अनुगून्ज का ऐलान किया है. एक महीने में अपनी पोस्ट सबमिट करनी है. विषय है सन २००७८ में हिन्दी ब्लॉगरी में मेरा रोल माड़ल. यह लेख अधिकाधिक १२५ शब्दों का होना चाहिये आलोक ९११ की माइक्रो पोस्टों के अनुकूल. एक ब्लॉगर एक ही एन्ट्री दे सकता है. आधादर्जन ब्लॉग वाले भी केवल एक एन्ट्री दे सकेंगे. पोस्ट पर अनुगूंज४२० लिखा होना चाहिये और उसे पोस्ट कर फ़लाने टेक्नोआरती (टेक्नोराती नहीं विपुल जैन का नया फ़ीडपोर्टल जो फ़ीडबर्नर की दलाली खतम करने को लाया गया है) पेज पर जा कर पिंग कर देना है. रोल माडल एक हिन्दी ब्लॉगर ही होना चाहिये. जिस ब्लॉगर के पक्ष में ज्यादा एन्ट्री होंगी वह आदर्श रोल माडल घोषित होगा.

रोल माडल वह होना चाहिये जो हिन्दी के हिज्जों की गलतियां न करता हो, उसका चेहरा फ़ोटोजेनिक हो, उसका बाडीमासइण्डेक्स (BMI@) आदर्श अर्थात 20-24 के बीच हो…. बड़ी सारी कण्डीशन हैं जो आपको अनुगूंज के पन्ने पर मिलेंगी.

यह घोषणा होते ही समीर लाल ने अपनी शादी की वर्षगांठ के बहाने एक माह के टिप्पणी अवकाश की घोषणा कर दी है. सुना है कि वे वन्दना लूथरा स्लिमिंग कोर्स ज्वाइन कर गये हैं; जिसका नया फ़्रेन्चाइजी सेण्टर कनाडे में खुला है और जो कन्शेसनल रेट पर पहला स्लिमिन्ग बैच चला रहा है. सुकुल ने कन्फ़र्म किया है कि फोन करने पर उनकी आवाज ऐसे आ रही थी जैसे ट्रेडमिल पर हांफ़ रहे हों. समीर लाल को भरोसा है कि अगर वजन कम हो जाये तो चेले तो सबसे ज्यादा हैं उनके जो उन्हे रोल माड़ल मानेंगे. छत्तीसगढ़ से संजीत और संजीव तो बारी-बारी से समीर लाल जी का पिछले घण्टे का वजन पूछने ई-मेल/चैट का उपयोग कर रहे हैं और समीर लाल हर उत्तर में अपनी कविता भी ठेल देते हैं.

जीतेन्द्र चौधरी ने साफ़ कर दिया है कि भले ही उनका ब्लॉग चिठ्ठाजगत में एक नम्बर पर है वे किसी रेस में नहीं हैं. (वे मायूस हैं कि उनका वजन केवल 700 ग्राम ही कम हो पाया है और कुवैत में फिजिकल काम इतना नहीं है कि और गुंजाइश हो.) पर उन्होने पूरी खड्डूसियत से कह दिया है कि अगर किसी ने रोल माडल का सपोर्ट मांगते हुये उन्हे ईमेल किया तो वे उसे स्पैम में डाल देंगे.

सुकुल ने अपनी पोस्ट की लम्बाई १ गज से बढ़ा कर १.७५ गज कर दी है. पांच धरम कांटों पर अपना वजन करा कर उनकी वजन दिखाने वाली रसीदें अपने इन्क ब्लॉग पर पोस्ट कर दी हैं. बाडीमासइण्डेक्स (BMI) का फ़ार्मूला लिख कर यह समझा भी दिया है कि उनका वजन लिमिट में है.

पन्गेबाज (अरुण अरोड़ा) ने देबाशीष के हिन्दी ब्लॉगरी में नारद बिरादरी के बताये उनके कद का हवाला देते हुये यह कहा बताया है कि उनका वजन इतना कम है कि वे BMI की लोअर लिमिट में भी नहीं आते.

प्रियन्कर ने अपना वजन कम करने में रुचि नहीं दिखाई है, पर सतर्कता बरतते हुये अनहद नाद पर कविताओं को हटा कर हायकू लिखना चालू कर दिया है और कहा है कि महीने भर वे हायकू पर जिन्दा रहेंगे.

पुराणिक अपना ब्लॉग वर्डप्रेस से लाइवजर्नल पर ले जा रहे हैं. अभी व्यस्त हैं. वैसे भी उनको पूरा भरोसा है कि वे ब्रह्माण्ड के रोल माडल हैं – टुच्चे ब्लॉगजगत की क्या बात!

नीरज रोहिल्ला ने साफ़ कर दिया है कि इस बमचक से उन्हें कुछ लेना देना नहीं है. पर अपने शोध का विषय नॉन-टेक कर “वजनदार कव्वालों का वास्तविक वजन” रखा है. विषय कांख में दबाये वे १६०० मील की पदयात्रा पर निकल गये हैं.

दर्द हिन्दुस्तानी ने अपनी एक पोस्ट में डेढ़ दर्जन अपने लेखों के लिंक भर दिये हैं जो यह बताते हैं कि बाडी-मास-इण्डेक्स एक विकृत अवधारणा है और इससे भारत के पर्यावरण पर बहुत बुरा असर होगा. इसकी बजाय उन्होने ब्लॉगरों को शीतोपलाद चाटने की सलाह दी है.

ज्ञानदत्त पाण्डेय तो वैसे भी रेस में नहीं थे. पर घोर उहापोह में हैं कि यूनुस को वोट दें या श्रीश को. फ़ुरसतिया भी उनको रोज फ़ोन करते हैं पर खुल कर नहीं कहते कि उन्हे रोल माडल वाला पिंग करें. वे रेण्डम नम्बर जेनरेटर वाली साइट पर जा कर अपना मत तय करने की सोच रहे हैं.

अजित वडनेरकर ने कहा है कि वे ५ शब्दों पर एक शृंखला लिखने जा रहे हैं. शब्द अंग्रेजी के होंगे जिनका मूल इण्डोआर्यन है. ये हैं रोल, माडल, बाडी, मास, इण्डेक्स. इसके बाद वे ब्लॉगिंग छोड़ देंगे जिससे कि उन्हे कोई रोल माडल न चुनना पड़े. बोधिसत्व ने उन्हे चवन्नी शब्द की व्युत्पति और विकास पर एक पोस्ट लिखने का अनुरोध किया है. पर अजित का कहना है कि वे किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते.

ममता जी ने भी एक सामयिक पोस्ट खतरनाक हेडिंग हट बे रो(ल मा)डलके साथ लिखी है. जिसमें हट बे एक द्वीप और रोडल वहां पाया जाने वाला चौपाया जीव है.

शिव कुमार मिश्र ने तो साफ़ कर दिया है कि वे नीरज गोस्वामी जी से २९ दिन में ब्लॉग बनवा देंगे और तीसवें दिन उन्हे ही अपना रोलमाडल पिंग करेंगे.

अजदक ने चीन में सॉफ़्टवेयर वालों को पकड़ा है जो उनका फ़ोटो छरहरा और जवान बना दें; जिससे वे एंगरी यंग-मैन से लगें जिसे गुस्सा बहुत आता है. उन्हे अभय तिवारी के पिंग का तो भरोसा है ही. बाकी कुछ शायद साम्यवादी पार्टी ह्विप जारी कर दिलवा दे.

बस भैया. औरों का भी कच्चा चिठ्ठा अपने पास है पर पोस्ट बहुत लम्बी हो जायेगी.


@- बीएमआई (BMI) = [Body Weight शरीर का वजन Kg कि.ग्रा.]/[Height ऊंचाई meter मीटर]2


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

15 thoughts on “"रोल माडल" और वजन कम करने की बमचक पर रपट

  1. ज्‍यादा मत सोचिए गुरूजी । जब से श्रीश ने दावा ठोंका है हम दूसरे नंबर पर आ गये हैं वो भी अपनी मर्जी से ।तो रोल माडल लंबर एक सिरीस और लंबर दो हम हम हम । हम्‍म्‍म्‍म्‍म्‍म ।

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  2. ज़ीतेंद्र> “एक और बात, यदि आप किसी भी चिट्ठाकार का नाम अपने ब्लॉग पर देते है तो उसका लिंक भी डाल दिया करें” यथासम्भव डाल दिये हैं. यद्यपि मेहनत का काम था.

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  3. जिन लोगों ने आस्था चैनल बंद करके एमटीवी चलाने के लिए उकसाया, कहाँ हैं?मैं तो ब्लागिंग की दुनिया में नया धोबी हूँ. नया धोबी साबुन ज्यादा लगाता है, इसलिए अभी से क़रीब तेरह लोगों को अपना रोल मॉडल चुन लिया है. कल पूरी लिस्ट प्रकाशित करूंगा.

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  4. आप भी चिकाईबाजी के मूड मे आ ही गए। चलो अच्छा है शुकुल को चुहुलबाजी के लिए एक शिकार और मिल गया। अब शुकुल रोजाना आपको झिलाएगा।एक और बात, यदि आप किसी भी चिट्ठाकार का नाम अपने ब्लॉग पर देते है तो उसका लिंक भी डाल दिया करें, उससे आप दोनो(लिंक देने और पाने वाले) का भला होगा, और रेटिंग भी इम्प्रूव होगी।

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  5. ज्ञान भाईदेखा ब्लॉग लिखने वाले कितने टेंशन मैं हैं और कमेंट लिखने वाले कितने मजे मॆं.रोल मॉडल बनने के चक्कर मॆं कितने पापड़ बेल रहे हैं ! अब इनको कौन समझाए की भाई आजकल के जो मॉडल हैं उनका पहले तो कोई अनुसरनिय रोल(role) ही नहीं हैं और अगर कोई कोई मॉडल रोल(role) निभा भी रहे हैं तो उनको देख कर जी करता है की वो रोल (roll ) ही होजायें तो ठीक रहेगा !!शिव को मेरी शुभकामनायें और उनके इरादों को सलाम जो मुझसे ब्लॉग लिखवाने की बात सोच रहे हैं ! अब इन्सान हैं तो कुछ भी सोच सकते हैं सोचने मॆं कोई रोक थोड़े ही है !सोच पूरी होना न होना किसी इन्सान के बस मॆं कहाँ है?नीरज

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  6. अभैइयें अपने ब्लाग पर जगदीश भाटिया की टिप्पणी देखे-एक फुल्ली चिकाईदार पोस्ट होनी चाहिये बहुत दिन से ड्यू है। हम सोचना शुरू किये तब तक देखा आप चिकाई कर गये। फ़ुल्ली।सही है। रोलमाडल की जगह आजकल रोलिंग माडल का जमाना है। पहले की तरह कड़की का जमाना नहीं है कि एकै रोलमाडल से जिंदगी भर चिपके रहें। हर बात के लिये एक अलग रोल माडल। आप ही देखिये दो पोस्ट पहले शुकुल को रोलमाडल बनाने का विचार करते हैं दो पोस्ट बाद आप तमाम रोलिंग माडलों की चकाचौंध में बहक जाते हैं और कालान्तर में बहाने से अपने को भी रोल माडल की दौड़ में खड़ा कर देते हैं। यह एक संकेत है कि तुम हमको मानो रोल-माडल हम तुमको मान लेते हैं। कम से कम एक के तो बनें। वैसे आप चिकाई करने में सफ़ल रहे और इस मामले में हमें डर हैं कि हमारे रोल माडल न बन जायें। बड़ी आफ़त है। :)

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  7. सरजी पहले मैं खुद को दुनिया का सबसे धांसू लेखक मानता था। पर जब एक बार मिस यूनिवर्स का मामला देखा , तो मैंने भी अपना मामला यूनिवर्स पर शिफ्ट कर दिया। मैंने एक मिस यूनिवर्स से पूछा-हे ब्रहमांड सुंदरी, खुद को मिस ब्रह्मांड घोषित करने से पहले तूने कनफर्म तो कर लिया है ना कि मंगल, शुक्र, शनि समेत ब्रह्मांड के सारे ग्रहों पर एक ही तू ही, जो इत्ती सुंदर है। देख ले कहीं और किसी ग्रह पर कोई और सुंदरी निकलआयी, तो मामला पेचीदा हो जायेगा। सुंदरी ने कहा-आप नानसें स हैं,आपमें इत्ता भी सेंस नहीं है कि सुंदरियों के मामले में कोई ज्यादा तफतीश नहीं करता। तब से मैंने भी खुद को ब्रहमांड का सबसे धांसू रचनाकार घोषित कर दिया है, यह एक तरह का प्रोटेस्ट है, जब सुंदरियों की पूछताछ नहीं होती, तो लेखक की क्यों हो।

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  8. @ अरुण – बहुत ठीक. यह देख कर मैने आपके मुंह में जो शब्द ठूंसे थे, उनमें से कुछ निकाल लिये हैं. आखिर आपको नाराज कर हमें कालिदास थोड़े ही बनना है.

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  9. देखिये आप हमारा नाम गलत लिये है हम तो मानते है कि ये सज्जन हर जगह प्रथम है..मानलेने मे ही भलाई है जी..काहे..? ना मानने पर कोई खामखा लडने और मेल पर गरियाने मे आ जाये.तब आप क्या करोगे..? अब सीधी सी बात है अगर आपके मुहल्ले मे कोई बंदा रहता हॊ ..अचानक आपको पता चले कि वह अपने आप को भारत का राष्ट्र्पती कहने लगा है..आपने समझाने की कोशिश की..तब आपको पता चला कि उसकी उपरी मंजिल खाली है.फ़िर आप क्या करेगे मान लेगे ना कि वह जो कह रहा है सही कह रहा है..अब पागल को क्या समझाना जी..क्या उसके कहे का बुरा मानना.बस खुदा उसे ठीक करे के अलावा और हम कह भी क्या सकते है…:)

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  10. हम तो घबरा कर ट्रेड मिल की तरफ भागे ही थे तब मालूम चला कि यह विनोद चल रहा है…खैर, वैसे भी अब तो वजन भी ज्यादा नहीं रहा..७५० ग्राम कम कर लिया है…थोडा ही है जो १०० किलो के उपर बचा है..वो भी छट ही जायेगा…आप ही अगली अनुगूँज करा लिजिये…हम ही जीतेंगे…संजीत और संजीब बहुत संजीदा ब्लॉगर हैं वो अपनी हार बर्दाश्त नहीं कर सकते बाकियों की तरह..जान लड़ा देंगे और हारे तो इल्जाम आप पर आयेगा.

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