सप्ताहांत का अढ़तालीस घण्टे का समय काटना अपने आप में एक प्रॉजेक्ट होता है. लगभग आधा समय तो नियमित कृत्य में व्यतीत हो जाता है. कुछ समय पत्र-पत्रिकायें, पठन सामग्री ले लेती है. मेरे साथ तो कुछ दफ्तर की फाइलें भी चली आती हैं – समय बँटाने को. फिर भी काफी समय बचता है मुद्दोंContinue reading “अलसाया सप्ताहांत और मुद्दों की तलाश!”