बजाज आटो के 2200 कर्मचारी बैठे ठाले (सीएनएन मनी के अनुसार) अपने रिटायरमेण्ट तक घर बैठेंगे और तनख्वाह पायेंगे. आलोक पुराणिक (अ.ब.) के लिये पक्का मसाला है पोस्ट का. वे कह सकते हैं कि इसमें क्या बात है – सरकारी कर्मचारी तो नौकरी शुरू करते से रिटायरमेण्ट के दिन माला पहनने तक बिना काम के तनख्वाह पाता है. पर भैयाजी, उसे झूठी-सच्ची हाजिरी तो लगानी पड़ती है दफ्तर में! बजाज आटो में तो शुद्ध घर बैठे बिना काम के तनख्वाह मिलेगी.
आलोक पुराणिक (स्मा.नि.) और वाह मनी के कमल शर्मा जी बतायें कि बजाज आटो निवेश के लिये बेहतर हुआ है क्या?
बजाज आटो अपने पुराने अकुर्दी (पुणे) के प्लाण्ट में मोटरसाइकल असेम्बली का काम बन्द कर लोगों को घर बैठे तनख्वाह देने का काम कर रहा है. अब यह उत्पादन अन्य इकाइयों में होगा. अकुर्दी में स्पेयर पार्ट बनते रहेंगे. काम बन्द करने का कारण – महाराष्ट्र सरकार की केपेसिटी रेशनलाइजेशन को ले कर नीतियों के कष्ट और अन्य राज्यों द्वारा टेक्स और चुंगी के कंशेसन हैं.
जैसा अपेक्षित था, मैरिल्ल लिंच ने बजाज आटो पर खरीद की अनुशंसा की है. उद्धव ठाकरे ने (अगर पुणे में बजाज आटो का प्लाण्ट बन्द हुआ तो) शिव सेना के घूंसे की धमकी दी है. “महाराष्ट्र सरकार और बजाज आटो में ठनी” का समाचर है. उधर बजाज आटो के राजीव बजाज ने कहा है कि वे अकुर्दी का प्लाण्ट बन्द नहीं कर रहे.
खबरें हैं रोचक. और अगर लोग विषय से ट्यून कर पाये तो बहस और भी रोचक हो सकती है. पूंजीवाद-साम्यवाद-समाजवाद-प्रान्तवाद-हेन वाद-तेन वाद… बहुत पेंच बनाये जा सकते हैं इसमें.
कविता करने से छुट्टी तो मिली! बड़ा झमेला है उसमें.
वैसे मैं कह सकता हूं कि समीर लाल जी से मस्त सपोर्ट नहीं मिला(!). तुलसी लिखते हैं न – “मोहे न नारि नारि के रूपा”. कवि को दूसरा कवि भला क्यों पसन्द आने लगा. वह भी हमारे जैसा उदीयमान! :) :) :)

ए साहेब, इ बजाज ऑटो का 2201वां करमचारी बने का कौनो जुगाड़ होए तो बता देओ ना हमका!!
LikeLike
अच्छा ही है न, ज्ञान जी! कर्मचारियों को तो लाभ ही होगा. निजी स्वामित्व वाली कम्पनी के कर्मचारी भी सरकारी कर्मचारी होने का अनुभव कर लेंगे.
LikeLike
सरकारी कर्मचारी काम नहीं करता यह बिल्कुल ग़लत बात है.सरकार एक बड़ा सा जलयान है जिसमे बैठे हुए ढेर सारे नाविक जोर जोर से चप्पू चलाते रहते हैं. यह अलग बात है की किसी का चप्पू पानी को नहीं छूता. बजाज के रिवर्स में सरकारी सीन पर भी नज़र डालिये. आप बिना काम के तनख्वाह की बात कर रहे हैं- हमारे यहाँ कई विभाग ऐसे हैं जहाँ लोग बिना तनख्वाह के काम करने को तैयार हैं.
LikeLike
अगड़म बगड़म आलोक की टिप्पणी-आपका मेरा वैवलैंथ एक सा है इस मसले पर। सरकारी कर्मचारियों को बगैर काम के रकम मिलती है। बल्कि कई जगह काम न करें, तो रकम ज्यादा मिलती है। बात सिर्फ पुलिस की नहीं हो रही है। इनकम टैक्स विभाग की बात भी हो रही है। कस्टम विभाग की बात भी हो रही है।स्मार्ट निवेश डा पुराणिक की टिप्पणी-बजाज आटो निवेश योग्य शेयर है दो वजहों से एक इसका इंश्योरेंस बिजनेस चकाचक चल रहा है। दूसरी बात यह है आईसीआईसीआई बैंक पर देर सबेर बजाज आटो की नजर पड़नी है। आईसीआईसीआई की अच्छी खासी होल्डिंग बजाज आटो के पास है। बजाज आटो की बैलेंस शीट बताती है कि इसके पास धांसू च फांसू शेयर हैं, दूसरी कंपनियों कें।
LikeLike
अरे भाई, कवि स्वभाव के विपरीत भरसक कोशिश की कि आपको प्रोत्साहित कर सकूँ मगर हार गया.अब आप चित्रकारी पर उतर आओ. आपसे ए प्रभावित हो उस पर मैं कल लेख ला रहा हूँ..अगर अपना लेंगे तो जीवन भर सुकुन की गारन्टी हमारी और भौजी खुश होंगी वो बोनस मानो. बस कल हमारा इन्तजार किजिये लिखने का. मसौदा मन में आ गया है.रही बजाज की..तो कोई नया कारनामा नहीं है…हर सरकारी दफ्तर की तरह है,,बस रिवर्स करके देखें..निजीकरण का सरकारीकरण…वैसा ही तो है.
LikeLike