पत्ता खड़का – झारखण्ड बन्द


कल शाम मेरी मेज पर सन्देश आया – झारखण्ड बन्द के कारण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय 11 मेल एक्स्प्रेस ट्रेनों के डायवर्शन (रास्त बदल) और एक ट्रेन को रात भर रोके रखने के लिये कह रहा है. नक्सली बन्द है. कोई झिक झिक नहीं. गाड़ियां रुकेंगी तो रुकेंगी, रास्ता बदल कर जायेंगी तो जायेंगी. यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है. पीरियड.

रात में गोमो-बरकाकाना-गरवा रोड-चोपन खण्ड पर चलने वाली रेलगाडियां उस खण्ड पर नहीं डाली गयीं. आने वाले चौबीस घण्टे में भी यही रहेगा. पिछली बार के बन्द में तो हमें एक ट्रेन 4-5 स्टेशन वापस घुम कर लानी पड़ी थी दूसरे रास्ते से भेजने के लिये.   

jharkhandrailsबन्द क्यों और किस प्रकार डिक्लेयर होता है एमसीसी या अन्य नक्सलियों द्वारा? यह जानने के लिये मैं पूर्व-मध्य रेलवे के उच्च अधिकारी से पूछता हूं. वे भी झुंझला कर जवाब देते हैं. बस जी कुछ देर पहले पता चला. वह भी दानापुर मण्डल के एक पुलीस अधिकारी ने बताया. बोकारो – गिरिडीह में अपने रिश्तेदारों से पूछता हूं. जवाब मिलता है कि पता चल जाता है. कभी अखबार में बयान छप जाता है नक्सली लोगों का. कभी वैसे शोर मच जाता है. पर इस बन्द के बारे में उन्हे खबर नहीं थी.

अब नक्सली आकस्मिक स्ट्राइक करना चाहते हैं या विधिवत बन्द करना? यह कोई राजनैतिक बन्द तो है नहीं कि विरोधी पार्टी वाले उसका उल्लंघन का प्रयास करें. हिंसात्मक बन्द का प्रतिकार जब सरकार नहीं कर पाती तो जनता क्या करेगी? लिहाजा शांति से बन्द के विषय में समय से बता दें, जनता स्वत: अनुसरण करेगी. वैसे भी मैने देखा है कि वहां वाहन कारवां में चलते हैं रात में. अकेले विचरण करने का दुस्साहस कम ही वाहन करते हैं.  

ऐसे में प्रचार तो पर्याप्त होना चाहिये बन्द का. बाड़मेर पुलीस के पास ब्लॉग है जो रोज की जिले की गतिविधियां बताता है तो नक्सली ग्रुप के पास ऐसे ब्लॉग क्यों न हों जिन पर बन्द जैसी गतिविधियों की अग्रिम सूचना हो?1 जिस प्रकार से शॉर्ट नोटिस पर बन्द होते हैं उसके अनुसार सूचना स्कैन करने को ही लोग ढ़ेरों क्लिक करेंगे. विचारधारा का प्रसार भी इस तरह से सम्भव है. पता नहीं नक्सली ग्रुप फ्लैट होते विश्व की कितनी तकनीकें प्रयोग करते हैं. अल-कायदा तो बहुत करता प्रतीत होता है. 


1. मैने माओइस्ट रजिस्टेंस, रजिस्टेंस और नक्सल रजिस्टेंस नाम के ब्लॉग पाये हैं जो नक्सली विषय वस्तु रखते हैं. मैं जान बूझ कर इनके लिंक नहीं दे रहा हूं. रजिस्टेंस नामक ब्लॉग पर तो यह लिखा है कि यह ब्लॉग हैक हो चुका है. यद्यपि हैक करने पर उसका डिसफिगरमेण्ट नहीं हुआ है. ये ब्लॉगस्पॉट और वर्डप्रेस पर बने हैं. 

पर ये सभी ब्लॉग साइटें मात्र प्रचार सामग्री या फिर अखबारों की कतरनें (उबासी…) छाप रही हैं. इन ब्लॉगों पर ढेरों लिंक हैं. कहीं पर किसी बन्द की अग्रिम सूचना नहीं दीखती.


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

7 thoughts on “पत्ता खड़का – झारखण्ड बन्द

  1. हम संजय जी की बात से सहमत हैं, अब ये सब बन्द होना चाहिए। वैसे कारंवा बना कर वाहन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बॉरडर पर भी गुजरते हैं, बकायदा पुलिस की गाड़ी साथ चलती है

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  2. बंद चाहे सरकारी हो या विपक्षी या फ़िर चाहे नक्सली बंद हो, भुगतना तो आम आदमी को ही पड़ता है उपर से यह सब के सब अपनी कारगुज़ारियों को आम आदमी के लिए ही किया जा रहा बताते हैं।

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