ब्लॉगस्पॉट : कृपया टिप्पणी के लिये पॉप-अप खिड़की दें।


ब्लॉगस्पॉट के ब्लॉग में अगर टिप्पणी करनी हो और टिप्पणी देने में लेख को पुन: देखने का मन करे तो लेख का पन्ना फिर खोलना पड़ता है। यह झंझटिया काम है। इससे कई बार टिप्पणी करनी रह जाती है। कई बार टिप्पणी की गुणवत्ता कम हो जाती है।AAA

बेहतर है ब्लॉगस्पॉट के ब्लॉगर बन्धु ब्लॉगर डैशबोर्ड में सेटिंग>कमेण्ट्स>शो कमेंट्स इन अ पॉप अप विण्डो? के लिये “हां” का विकल्प देने का कष्ट करें। इससे हम जैसे कम याद रखने वाले को टिप्पणी करते समय लिखी पोस्ट साथ-साथ देख पाने की सुविधा होती है।

हां, हम जैसे के लिये, जो आंखों पर कम जोर देना चाहते हैं, अगर शो वर्ड वेरीफिकेशन फॉर कमेण्ट्स? वाले विकल्प में “नहीं” स्टोर कर दें तो और भी अच्छा है।

(कृपया चित्र की सेटिंग देखें)


आज रात मैं इलाहाबाद से आगरा जा रहा हूं 2403इलाहाबाद-मथुरा एक्स्प्रेस में। यह पोस्ट ट्रेन में सम्पादित और वहीं से इण्टरनेट पर पोस्ट की जा रही है। इलाहाबाद-मथुरा एक्सप्रेस एक रेगुलर गाड़ी (जिसका टाइमटेबल में अस्तित्व हो) के रूप में 1 जुलाई 2007 से चलाने में मेरा प्रशासनिक योगदान रहा है और उसी ट्रेन में पहली बार ब्लॉग-पोस्ट पोस्ट कर रहा हूं। अपने आप में यह सुखद अनुभूति है। यह छोटी सी पोस्ट बनाने-पोस्ट करने का ध्येय यह अनुभूति लेना ही है!

दाईं ओर चित्र में मेरी पत्नी देर रात में ट्रेन में सोते हुये। वह थोड़ी रुग्ण हैं और हल्का कम्बल ओढ़ कर सो रही हैं।

पुन: सवेरे 6 बजे टुण्डला निकला है। मैं सोचता था कि मेरा सेल-वन का जीपीआरएस कनेक्शन यूं ही है। पर यह पोस्ट करने और टिप्पणी मॉडरेट करने का काम तो कर ही दे रहा है!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

21 thoughts on “ब्लॉगस्पॉट : कृपया टिप्पणी के लिये पॉप-अप खिड़की दें।

  1. भारतीय रेलों में जो विकास हो रहा है उसे देख कर खुशी हुई. यह जानकर और अधिक खुशी हुई कि आपका भी योगदान है इस में. ईश्वर करे कि आप इसी तरह कई अन्य क्रांतिकारी परिवर्तनों के कारण बन सकें.चलती गाडी से जालसंपर्क की तकनीकी जानकारी के लिये आभार. मैं भी अब कोशिश करूंगा — शास्त्री जे सी फिलिपहिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है

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  2. sir i am not sure if i am understanding your problem correctly , if yes then in settings please go to comments GO TO SHOW COMMENTS IN A POP WINDOW , here please select NO . once you save this then when you will post a comment you will see the option on top on right panel as “show original post ” and on right you can post the comment . this way you can read the orignal post while paosting the comment . if this is what you are looking for , and are still unable to do it please send a email and i will send pics to you in sequence .

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  3. @ उन्मुक्त – आप सही हैं, पर आपकी बताई विधि से पोस्ट का टेक्स्ट आता है और उसमें पढ़ना एक नये सिरे से पढ़ना लगता है।

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  4. हम भी हम भी । हम भी रेलवे में ही नौकरी करेंगे । एनाउंसमेन्‍ट तो आता ही है । आप कहें तो गाने भी सुनवा सकते हैं । क्‍या ऐसा व्‍यक्ति रेलवे में चलेगा ज्ञान भैया । युवा हैं सीधे सादे हैं शरीफ हैं, और क्‍या कहें । और हां । हमारे ब्‍लॉग पर तो पॉप अप वाला विकल्‍प पहले से ही चल रहा है ।

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  5. जहां तक मैं समझता हूं यदि पॉप अप का विकल्प न भी हो तो भी वहां एक संदेश आता है ‘मूल पोस्ट’ दिखायें का। उसी में चटका लगाते ही पूरी पोस्ट टिप्पणी करने के साथ आ जाती है। इसमें कोई मुश्किल नहीं पड़नी चाहिये।

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  6. आपकी प्रशासनिक सफ़लता के लिये बधाई। ट्रेन से पोस्ट धांसू हो गयी। तबियत में सुधार के लिये शुभकामनायें।

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  7. ट्रेन ऎसी होती है हम तो सोचते थे कि ट्रेन सिर्फ ए.सी. ही होती है पर अब पता लगा कि ट्रेन 5 स्टार भी होती है. क्या रेल में हमें कोई नौकरी मिल सकती है ? बायो डाटा भिजवाऊं क्या??:-)

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  8. ज्ञानदत्त जी, टिप्पणी वाली सलाह के लिए धन्यवाद! निश्चय ही टिप्पणियों के लिए ‘पॉप-अप विण्डो’ का विकल्प दिया जाने से सहूलियत होती है.

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  9. ध्यान रखेंगे। आप आराम से यात्रा करे। पर उस आदमी का भी कुछ सोचे जो आपके ब्लाग मे चला जा रहा है ‘ अटको मत, चलते रहो’ वाला। उसके हाथ मुड गये है, रात है कि कटती नही और पेड वही के वही है। उसको ट्रेन मे लिफ्ट क्यो नही दे देते आप??? :)

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