फोटो में केप्शन लगाने की तकनीक


अजित (शब्दचौधरी अजित वडनेरकर) ने टिप्पणी कर फोटो में केप्शन लगाने की तकनीक पूछी है।

मैने विण्डोज़ लाइवराइटर का प्रयोग किया है। आप उसे इस लिंक पर उपलब्ध लिंक से इंस्टॉल कर सकते हैं। विण्डोज़ लाइवराइटर में टेबल बनाने के ऑप्शन हैं। आप टेबल (Table) के एक रो (Row) 2 कॉलम (Column) या 2 रो 1 कॉलम का प्रयोग कर एक खाने में फोटो और दूसरे में कैप्शन लगा सकते हैं।

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उदाहरण के लिये मैं अपनी फोटो और अपना प्रशस्ति कैप्शन इस प्रकार लगा सकता हूं 1 रो और 2 कॉलम के टेबल में:
Gyan(094) ज्ञानदत्त पाण्डेय वे ब्लॉगर हैं, जो हिन्दी के शब्द खोजते पाये जाते हैं और न मिलने पर बिना-शर्म अंग्रेजी ठूंस देते हैं!

आप टेबल को राइट, लेफ्ट या सेण्टर एलाइन (Align) भी कर सकते हैं – फार्मेट (Format) में उपलब्ध विकल्पों से। आप टेबल की मोटाई आदि भी सेट कर सकते हैं अन्यथा टेबल बॉर्डर को अदृष्य भी कर सकते हैं। मैने ऊपर टेबल सेण्टर एलाइन और बॉर्डर अदृष्य कर रखा है।
बाकी जद्दोजहद आप करें। उससे आप और बेहतर फॉर्मेटिंग कर पायेंगे!
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मेरी रविवार को छपी पोस्ट जो शायद आपने न पढ़ी हो: प्रसन्न खानाबदोशों का एक झुण्ड। 


Gyan(109) विजयदशमी की शाम को कल नीरज रोहिल्ला (अंतर्ध्वनि ब्लॉग वाले) और उनके मित्र अंकुर मिलने घर पर आये। ह्यूस्टन, टेक्सास से कोई सज्जन ऑब्स्क्योर सी जगह शिवकुटी, इलाहाबाद में मुझसे मिलने आये – यह मेरे और मेरे परिवार के लिये बहुत प्रसन्नता दायक था। दुनियाँ के समतल होते जाने पर हम लोगों ने बहुत आस्था जताई। आप नीरज (दायें) और अंकुर का मेरे घर पर लिया चित्र देखें।
नीरज ने मुझे वैकल्पिक ईन्धन के रूप में गैस हाइड्रेट्स के बारे में जानकारी दी। उसपर मैं आगे पढूंगा और बन पड़ा तो एक-आध पोस्ट ठेलूंगा! मुझे मालूम नहीं कि पंकज अवधिया जी के इसके पर्यावरणीय प्रभाव पर पहले ही कुछ विचार बन चुके हैं या नहीं।   


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

25 thoughts on “फोटो में केप्शन लगाने की तकनीक

  1. विन्डोज लाइव राइटर के बारें मे जानकारी सबसे पहले आपकी ही पोस्ट से मिली थी (उस समय भी समझ कुछ नही आया था, सिर्फ़ इसके की आप इत्ती तारिफ़ कर रहे हैं तो अच्छी ही होगी) और जानकारी हासिल कर रही हूँ पर अभी तक इस्तेमाल करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।

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  2. बहुत कम लोग होते हैं जो अपने नाम को सार्थक करते हैं. आप उन कम लोगों में से हैं. क्या ज्ञान की अविरल धारा बहती है आप के ब्लॉग पर जिसे जितना भी ग्रहण करो कम ही पड़ता है.आपने आयातित “नीरज” के आने पर खुशी का प्रदर्शन किया ठीक है लेकिन मेरा अनुरोध है की कभी देसी “नीरज ” को बुला कर या उसके यहाँ आ कर देखिये अगर आनंद न आए तो मेरा नाम “नीरस” रख दीजियेगा. “घर का जोगी जोगना बार गाँव का सिद्ध” वाली बात हुई ये तो. नीरज

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  3. लाइवराइटर का प्रयोग जब मैने किया था तो बहुत ही अच्‍छा लगा, किन्‍तु इसकी एक कमी थी कि यह फोटों नही प्रकाशित करता था। काफी दिनों से इसका प्रयोग नही किया पता नही क्‍या हालत है ? :) आप अकेले अकेले नीरज भाई से मिल लिये और सूचना भी नही दियें, कोई बात नही, मुलकात हुई इसकी सूचना मिली जान कर अच्‍छा लगा। बधाई

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  4. हमहूं अभी तक उ लाईव राईटर इस्तेमाल नही न किए हैं, शुक्रिया जानकारी के लिए!!

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  5. हर बात का बस इसलिये विरोध करना कि विरोध करना ही है – ऐसा वाला पर्यावरणविद अभी तक नही बना हूँ। आपने नकेल ताने रखी तो बनूँगा भी नही। आपकी पोस्ट का इंतजार रहेगा।

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  6. सीखने और सिखाने की आपकी उत्सुकता और तत्परता अनुकरणीय है। इतनी सहजता से हर विषय पर पोस्ट ‘ठेल सकने’ में आपकी महारत से मेरे जैसे ब्लॉगरों को काफी कुछ सीखने को मिलता रहता है।

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