मैने आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के उक्त शीर्षक वाले लेख पर आर्धारित पोस्ट प्रस्तुत की थी – ‘व्योमकेश शास्त्री और बेनाम ब्लॉगरी’ ।
उस पर कुछ मित्रों (रवि रतलामी मुख्य रूप से) ने लेख के स्कैन की मांग की थी। लेख के 4 पृष्ठों का स्कैन नीचे उपलब्ध है। आप बायीं ओर के पुस्तक के फ्रण्ट कवर चित्र पर क्लिक कर ‘व्योमकेश.पीडीएफ’ फाइल डाउनलोड करें। इस फाइल में चार स्कैन किये पेज हैं जिनमें पूरा लेख है।
स्कैन पेजों की बजाय पीडीएफ फाइल मैं इसलिये प्रस्तुत कर रहा हूं, जिससे डाउनलोड में दशमांश से भी कम डाटा आपके कम्प्यूटर को उतारना पड़े।
(वैसे, अगर आपने लेख नहीं पढ़ा है तो मैं पढ़ने की सिफारिश करूंगा। यह किसी ब्लॉग पोस्ट से कहीं ज्यादा पठनीय है।)
क्या आप अन्दाज लगा सकते हैं – ‘कल की फीड एग्रेगेटर – पेप्सी या कोक’ वाली एण्टी-आस्था चैनल टाइप पोस्ट पर सामान्य से 60% ज्यादा क्लिक आये। टिप्पणियां करने में जरूर लोग मुक्त नहीं रहे। पर यह स्पष्ट हो गया कि एण्टी-आस्था चैनल भी चलता है!

बहुत सही है |
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शुक्रिया!!आलोक जी का कहना सही है!! वैसे भी आजकल खबर से ज्यादा हेडिंग चलती है।
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आचार्य को उनकी लेखनी के लिए और आप को उसकी दिव्य प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद
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सुन्दर लेख. पढ़वाने के लिए शुक्रिया..
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क्या आप अन्दाज लगा सकते हैं – मेरी कल की पोस्ट ‘कम्यूनिज्म और मैं” वाली एक सच्ची पोस्ट पर सामान्य से 60% ज्यादा क्लिक आये। टिप्पणियां करने में भी लोग मुक्त रहे। आलोक जी से फिर सहमत.कुछ आइडिया भी मिल गये शीर्षकों को….हमको सनसनी मांगता.
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ज्ञानजी उवाच-क्या आप अन्दाज लगा सकते हैं – ‘कल की फीड एग्रेगेटर – पेप्सी या कोक’ वाली एण्टी-आस्था चैनल टाइप पोस्ट पर सामान्य से 60% ज्यादा क्लिक आये। टिप्पणियां करने में जरूर लोग मुक्त नहीं रहे। पर यह स्पष्ट हो गया कि एण्टी-आस्था चैनल भी चलता है! पुराणिक उवाच-अजी हमें अंदाज ही नहीं,भरपूर जानकारी है।मारधाड़ को बताने वाली फिलिम ज्यादा चलती है। नीलिमाजी ने विस्तार से अपने शोध में बताया था कि जिन दिनों पोस्ट बैन प्रकरण पर नारद बनाम अन्य की मारधाड़ चल रही थी, तब नारद का ट्रेफिक बूम टाइप कर गया था। सतत मारधाड़ पब्लिक को मांगता। सनसनी मांगता।आप कुछ पोस्टों के शीर्षक यूं रखें-आलोक पुराणिक तेरी ऐसी -तैसी…मेरी पिटाई के बाद पंगेबाज पंगा लेना भूलेसारे ब्लाग कचरा हैंप्रेत देखा कल रातकातिल कब्रिस्तान में प्रेमी प्रेतसांय सांय रात के भांय भांय भूत-सत्य कथामारधाड़ मंगता जी, सनसनी मांगता जी। करके देखिये, हिट 200 परसेंट बढ़ेगी।
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आपने पुण्य का काम किया जो लेख उपलब्ध करा दिया। कल की आपकी पोस्ट पर हमने टिपियाया भी था और आज लेख लिख मारा देखिये न!
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