उम्र के साथ सिनिसिज्म (cynicism – दोषदर्शन) बढ़ता है? सामान्यत: हां। इस पर बहुत पढ़ा है। अब तो जिन्दगी फास्ट पेस वाली होने लगी है। लोग अब पैंतालीस की उम्र में सठियाने लगेंगे। नया मोबाइल, नया गैजेट, नया कम्प्यूटर इस्तेमाल करने में उलझन होगी तो कम उम्र में भी असंतोष और उससे उत्पन्न सिनिसिज्म गहरानेContinue reading “सिनिकल हो रहा हूं क्या?”
Monthly Archives: Nov 2007
‘पेप्सी, कोक और फीड एग्रेगेटर’ पर एक और दृष्टिकोण
नरसों अमितजी ने मेरी पोस्ट ‘पिंग सेवायें…’ पर टिप्पणी कर कहा – ‘नारद नये रूप में आ रहा है, उसकी भी तीव्रता देख कर बताइयेगा’। फिलहाल तो नारद के लिंक पर क्लिक करने से अंग्रेजी में आता है – ‘Work in progress. Narad will be back soon!’। नारद जल्दी और अपने तेज रूप में आयेContinue reading “‘पेप्सी, कोक और फीड एग्रेगेटर’ पर एक और दृष्टिकोण”
न्यूरोलॉजिस्ट के पास एक विजिट
पत्नी के आधासीसी सिरदर्द के चलते मैं 2-3 महीने में उनके साथ एक बार न्यूरोलॉजिस्ट (तंत्रिका-तंत्र विशेषज्ञ) के पास जाता हूं। काफी डिमाण्ड में हैं इस प्रजाति के लोग। सवेरे मेरे एक सहायक उनसे शाम की विजिट का नम्बर ले लेते हैं; जिससे प्रतीक्षा न करनी पड़े। हर बार मेरी पत्नी की 5 मिनट कीContinue reading “न्यूरोलॉजिस्ट के पास एक विजिट”
