सवेरे घूमते समय दो कुत्ते आपस में चुहल करते दीख गये। एक पामेरियन था। किसी का पालतू। घर से छूट कर बहक आया हुआ। दूसरा सड़क पर पला। दोनो एक दूसरे से ऊर्जा पा रहे थे। सवेरे की सैर आनन्ददायक हो गयी। दुकाने खुलने पर अखबार वाले से बिजनेस स्टेण्डर्ड लेने गया। अखबार ले करContinue reading “पशुओं के सानिध्य में”
Monthly Archives: Jan 2008
स्किट्जो़फ्रेनिया के ध्रुव
हिन्दी ब्लॉगरी और काफी सीमा तक भारतीय समाज में संकुचित सोच के दो ध्रुव नजर आते हैं। एक ध्रुव यह मानता है कि सेन्सेक्स उछाल पर है। भारत का कॉर्पोरेट विकास हो रहा है। भारत विश्व शक्ति बन रहा है। देश को कोई प्रगति से रोक नहीं सकता। दूसरा ध्रुव जो ज्यादा सिनिकल है, मानताContinue reading “स्किट्जो़फ्रेनिया के ध्रुव”
दन्तनिपोर
बहुत दिनों के बाद कल सवेरे वह चाय की दुकान पर चाय छानने का इन्तजार करते दिख गया। मैं सोचता था कि वह शिव कुटी से फेड आउट हो चुका है। पर अपने को गलत पा कर मुझे प्रसन्नता हुयी। वह मैले कुचैले कपड़े पहने था। पैण्ट और कमीज। ऊपर से आधा स्वेटर। सर्दी निश्चयContinue reading “दन्तनिपोर”
