॥गुझिया बनाना उद्यम – होली मुबारक॥


यह चित्र मेरी पत्नी श्रीमती रीता पाण्डेय और मेरे भृत्य भरतलाल के गुझिया बनाने के दौरान कल शाम के समय लिया गया है। सामन्यत: रेलवे की अफसरायें इस प्रकार के चिर्कुट(?!) काम में लिप्त नहीं पायी जातीं। पर कुछ करना हो तो काम ऐसे ही होते हैं – दत्तचित्त और वातावरण से अस्तव्यस्त! यह उद्यम करने का कारण – मेरा विचार; कि हम लोग तो जन्मजात अफसर केटेगरी के नहीं हैं। (रीताजी को इस वाक्य पर कुनमुनाहट है! यद्यपि साफ तौर पर उन्होने नहीं कहा कि मैं यह कथन हटा दूं!)।

और इस चित्र के साथ ही आप सब को होली की अनेक शुभकामनायें।

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

20 thoughts on “॥गुझिया बनाना उद्यम – होली मुबारक॥

  1. ह्म्म देखो जी, बाकी सब ठीक है भौजी से कह दीजो कि हमरे हिस्से का माल-मत्ता रखा जाए बचा के हां =P~होली मुबारक आप लोगों को

    Like

  2. भाई जी,अभी रंग बन्द नहीं हुआ है,आप इतनी साफ़ सुथरी हालत मेंभाभी के दर्शन करा रहे हैं, इस बेला ?आख़िर क्या चाहते हैं, आपको छोड़ करभाभी को रगड़ा जाये ?

    Like

  3. जब गुझिया की ऐसी तैयारी थी तो आज मालपूआ भी बन रहा होगा। संभाल कर खाइएगा और जमकर रंग खेलिए। अंदर से बाहर तक सब कुछ रंगो से भर जाए, यही कामना है। होली मुबारक हो।

    Like

  4. अब तक तो गुझिया बना कर तैयार हो चुकी होंगी। अब फटाफट गुझिया भरी प्‍लेट का चित्र भी चिपका दें। मुँह में पानी आ रहा है :-)होली की शुभकामनाएँ – आनंद

    Like

  5. आपको सहयोग करना चाहिये। आप फ़ोटू खींचने में तल्लीन हैं। ई बात ठीक नहीं है। होली मुबारक।

    Like

  6. अब तो लग रहा है कि पहली उड़ान भरकर सीधे इलाहाबाद आ जाएं गुझिया के उद्यम का मीठा परिणाम चखने के लिए । ऐसा स्‍वाद मुंबई में कहां होगा । होली मुबारक हो ज्ञान जी । ज़रा अपनी लालमलाल तस्‍वीर तो चढ़ाईये कल परसों तक । :D

    Like

  7. सर जी, मैडम को कह दीजियेगा कि इतनी मेहनत से बनाई गईं गुझिया की महक यहां यमुनानगर तक भी पहुंच गई है। परमात्मा से यही कामना है कि यह त्योहार आप सब की ज़िंदगी में हमेशा हरियालीयां, खुशहालियां लाता रहे और आप ऐसे ही अपने मन के उदगार हम सब लोगों के साथ साझे कर कर के हम लोगों को नित- नये रास्ते दिखाते रहें।

    Like

Leave a reply to Sanjeet Tripathi Cancel reply

Discover more from मानसिक हलचल

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Design a site like this with WordPress.com
Get started