कल मेरे एक मित्र और सरकारी सेवा के बैच-मेट मिलने आये। वे सरकारी नौकरी छोड़ चुके हैं। एक कम्पनी के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर हैं। वैसे तो किसी ठीक ठाक होटल में जाते दोपहर के भोजन को। पर बैच-मेट थे, तो मेरे साथ मेरे घर के बने टिफन को शेयर किया। हमने मित्रतापूर्ण बातें बहुत कीं।Continue reading “बदलते परिदृष्य में वित्त का जुगाड़ ज्यादा जरूरी”
