उत्सुकता व उत्साह

kautoohalनतू पांड़े की उत्सुकता, शायद अन्नप्राशन के पहले खीर का विश्लेषण करती हुई!

उत्सुकता एक कीड़ा है, यदि काटता है तभी बुखार चढ़ता है। कभी कभी इस बुखार से पीड़ित व्यक्ति प्रश्न पूँछ कर अपनी अज्ञानता को प्रदर्शित करने में संकोच नहीं करते हैं। उपहास की दवाई से यह बुखार उतर भी जाता है। यदि आप परिस्थितियों के लिये नये हैं तो बुखार तेजी से चढ़ता है और बहुत देर तक चढ़ा रहता है। यदि आप समझते हैं कि आप पुरोधा हैं तो आपका मन आपकी रक्षा करता है और आपको समझा बुझाकर इस बुखार से बचा लेता है।

praveen smallयह पोस्ट श्री प्रवीण पाण्डेय की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है।

बच्चों को उत्सुकता दैव प्रदत्त है और उपहार में मिलती है। धीरे धीरे हम बड़े होने लगते हैं और अपने आप को तोपची समझने लगते हैं। यह स्थिति या क्षण हमारे जीवन में ज्ञान और विकास का पूर्णविराम है । उसके बाद हम केवल भावनाओं में बहने लगते हैं। भावनायें भी हाथी के विभिन्न अंगों के अनुभव के जैसी।

मैंने एक नियम बनाया है कि जब भी मैं किसी यात्रा में जाता हूँ, सहयात्रियों से बात कर उनके व्यवसाय के बारे में जानने का प्रयास करता हूँ। अभी पिछले कुछ महीनों में एक शेफ, एक डेन्टिस्ट, एक मेडिकल स्टोर के चेन के स्वामी, एक पुराने बैंक कर्मी और रेस्टॉरेन्ट मालिक से उनके व्यवसायों के बारे में बहुत कुछ जाना। यदि आप सुनने को तैयार है और सही प्रश्न पूछते हैं तो लोग बताने में आनन्द लेते हैं। कई बार शेर को सवा शेर मिला और मुझे भी रेलवे की सुधरती अर्थव्यवस्था पर व्याख्यान देना पड़ा और सफाई व्यवस्था पर लम्बा आख्यान सुनना भी पड़ा। दोनों दशाओं में मैं लाभान्वित हुआ।

यदि आप उत्सुक रहेंगे तो उत्साहित भी रहेंगे। आप उत्साहित रहेंगे तो आपका बुखार औरों को भी होगा। फ्लू फैलेगा पर चेहरे पर कपड़ा कोई नहीं ढकेगा। :-)


FotoSketcher - Gyan Musing.JPG केनेषितम् प्रेषितम् मन: (किसने प्रेषित किया मन, किसने दिया प्रथम श्वांस?…)  – मुझे प्रश्नोप्निषद (केनोप्निषद) हिन्दू दर्शन के सन्दर्भ में कम, इस सन्दर्भ में बहुत अपील करता है कि सबसे महत्वपूर्ण है प्रश्न कर पाने की क्षमता। ईश्वर सभी प्रश्नों के उत्तर भले न दें, हममें हर दशा में उत्सुकता बनाये रखने और प्रश्न कर पाने की क्षमता रख पाने का वरदान अवश्य दें!

प्रवीण जी की उक्त पोस्ट मुझे इस बात की याद दिला गयी। मैं बहुधा ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूं! 


हे भगवान! ये धूर्त लॉटरी की ई-मेल वाले हिन्दी में भी चालू हो गये! कल मुझे यह स्पेम-मेल मिला –

प्रिय लकी विजेता,
आपका ई मेल पते पर हमारे 2009 में लॉटरी 500,000.00 डॉलर की राशि का दावा चुना गया है तरक्की मिलती है. अपनी जीत से संपर्क करें लागोस, नाइजीरिया में हमारे एजेंट का दावा है.
संपर्क करें: Rev. मार्गरेट Idahosa (श्रीमती)
ई मेल: livecom @ rev.mrs_idahosa
फोन: +2348036954742
बधाई.
जस्टिन होम्स


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

26 thoughts on “उत्सुकता व उत्साह

  1. उत्सुकता का बुखार इतना गर्म होता है कि ज्वार डालो तो खिलिए बन जाएं:) नत्तू पाण्डेय को अन्नप्राशन पर बधाई:)

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  2. पाँच लाख डॉलर की लॉटरी!दादा आप तो करोड़पति हो गए. देखा हिंदी ब्लॉगिँग के फायदे. हिंदी में न लिखते तो कैसे मिलती यह लॉटरी :-)बाकी गिरिजेश भाई सही बोले बोत पइसा है नाइजीरिया वालों के पास, कितने दानी हैं बेचारे!

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  3. आप ने सही कहा उत्साह के विषय में।यह तो सदा बना रहना चाहिए वर्ना आप गए काम से।बिना उत्साह के तो जीने का मजा ही खतम हो जाता है।लकी विजेता को जवाब जरूर दे। हमने भी दिया था।बाद मे मस्तमौला नाम के ब्लोग में उस का जिक्र भी किया;))उपनिषद के सुविचार के लिए धन्यवाद।

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  4. टिप के लिए धन्यवाद. लिंक-विदिन जैसे एक दो और अन्य मैंने आजमाए थे, परंतु कुछ-न-कुछ समस्या के चलते उन्हें हटाना पड़ा था. इसे आजमा कर देखता हूं.

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  5. मेरे व्यवस्या के लिए तो प्रश्न पूछने की क्षमता का बहुत महत्व है। पहले तो अपने ही मुवक्किल से प्रश्नों के माध्यम से उस की समस्या की तह तक जाना फिर प्रश्नों के माध्यम से ही उस से वे तथ्य जानना जिस से उस की समस्या हल की जा सकती हो। अदालत में गवाहों से प्रश्न पूछ कर आवश्यक तथ्यों को रिकार्ड पर लाना आदि। इस गुण के बिना तो वकील असफल ही हो सकता है। जस्टिन होम्स का ऐसा ही मेल मुझे भी मिला है। औसतन कम से कम एक मेल तो रोज डिलिट करना ही पड़ता है।

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  6. उत्साह हो तभी उत्सुकता जागृत होती है और हम ताउम्र विद्यार्थी रहते हैं.लॉटरी के लिए बेचारों ने हिन्दी अनुवाद कर भेजा है. अंग्रेजी वाली पर ध्यान नहीं दिया तो वे क्या करते? उन्हे तो बस पैसा देना है इसलिए मेहनत करते है.

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  7. @ रविरतलामी – कृपया इस पोस्ट का पुच्छल्ला देखें:LinkWithin की तर्ज पर एक अन्य सज्जन ने सम्बन्धित पोस्ट दिखाने की विजेट बनाई है। इसके थम्बनेल छोटे और बेहतर हैं, पर लगाने की प्रक्रिया जटिल। आप खुराफाती जीव हों तो ट्राई कर लें। मैने तो कर लिया है और नीचे “कृपया इन पोस्टों को भी देखें:” वाली खिड़की में वही है। इस जुगाड़ में कितनी पोस्टें दिखानी हैं, वह भी आप तय कर सकते हैं! और यह लिंकविदिन वाले से ज्यादा जल्दी लोड होता है।

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  8. आपने जो 'कृपया इन पोस्टों को भी देखें' गॅजेट लगाया है (लिंक विदिन के अलावा, दूसरा वाला) वो कौन सा है और कहां से पाया जा सकता है. ज्ञानवर्धन करें. बढ़िया लग रहा है.

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