पिछले कई दिनों से स्पॉण्डिलाइटिस के दर्द से परेशान हूं। इसका एक कारण फोन का गलत पोस्चर में प्रयोग भी है। मुझे लम्बे समय तक फोन पर काम करना होता है। फोन के इन-बिल्ट स्पीकर का प्रयोग कर हैण्ड्स-फ्री तरीके से काम करना सर्वोत्तम है, पर वह ठीक से काम करता नहीं। दूसरी ओर वाले को आवाज साफ सुनाई नहीं देती। लिहाजा, मैने अपने कम्यूनिकेशन प्रखण्ड के कर्मियों से कहा कि फोन में कोई हेड फोन जैसा अटैचमेण्ट दे दें जो मेरे हाथ फ्री रखे और हाथ फ्री रखने की रखने की प्रक्रिया में फोन के हैंण्ड सेट को सिर और (एक ओर झुका कर) कंधे के बीच दबाना न पड़े।
पर जैसा सामान्यत: होता है, सरकारी कर्मचारी निकम्मेश्वर देव के अनुयायी होते हैं। मुझे ऐसा अटैचमेण्ट महीनों तकाजा करने पर भी न मिल पाया।
अचानक एक विज्ञापन में एक तन्वंगी की फोटो पर नजर पड़ी जो एरोबिक व्यायाम के लिये माथे पर एलास्टिक बैण्ड लगाये थी। मुझे समाधान मिल गया! बीस रुपये में यह एलास्टिक बैण्ड मिला। और यह देखें चित्र में किसी भी कोण से तन्वांग न लगते हुये ज्ञानदत्त पाण्डेय को – जो हैंड्स फ्री मोड में फोन पर अपना काम कर रहे हैं।
दृष्य फोटोजीनिक नहीं हैं तो क्या?! कौन सा टाई सूट पहन फलानी कम्पनी का सी.ई.ओ. पोज करना है! और अपने घर की दालान में अफसर हो या अफसर की पूंछ, रहेगा तो कुरता पहने ही न?
मुझे अभी भी गर्दन में दर्द की समस्या है। मैने पांच छ दिन से श्री चन्द्रमौलेश्वर प्रसाद जी की सलाह पर ब्रैयोनिया २०० लेना प्रारम्भ किया है। रुपये में छ आना आराम है। पर समझ नहीं आता कि यह दवा लेते जायें क्या?
[कल अनेक फोन और अनेक बधाइयां मिलीं। अपको बहुत बहुत धन्यवाद। मुझे नहीं लगता कि वह सारा सद्भाव मैने अर्जित किया है। यह सब तो आप लोगों का स्नेह है। मुझे अपनी ओर से ब्लॉगिंग को पर्याप्त समय और मानसिक इनपुट देने चाहियें। पर लगता है, पटरी पर आने में समय लगेगा। :-( ]

जुगाड़ बिलकुल सही हैं , पर जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो यही कामना करती हूँ..
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janm din ki vilambit shubhkamnayein.asha hai ab aap svasth ho gaye honge
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इसे कहते हैं Appropriate technology. आपके गर्दन में दर्द है आप सबसे पहले तो कॉलर ले आइये और गर्दन में लगा लीजीये इससे आपकी गर्दन किसी के आगे नही झुकेगी । ऱामदेव बाबा के सूक्ष्म व्यायाम बडे काम के हैं और ठंडा और गरम alternately लगा कर सेकें जरूर आराम मिलेगा । जनम दिन की बहुत बधाई आप के दर्द का निवारण जल्दी हो इस शुभ कामना के साथ ।
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बड़ा श्रमसाध्य किस्म का काम लगता है फोन पर बात करना शुक्र है हम ज़ियादा फोनियाते नहींखोज अच्छी नजर आ रही है आ रही है इसके परिष्कृत संस्करण के पेटेंट के बारे में सोचिये
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बहुधा परिचालन से जुड़े अधिकारियों को यह समस्या आ जाती है । पर हथियार (फोन) का त्याग करना रण छोड़ने जैसा है । श्री ज्ञानदत्त जी ने शिरस्त्राण धारण कर लिया है और जूझ रहे हैं । छोटे इयरफोन सुविधाजनक हो सकते हैं ।
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आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ. जूगाड़ सही अपनाया है. मगर इसमें भी सर पर एक तरफ खिंचाव महसूस होना चाहिए. वैसे अँधे से काना मामा भला माना गया है, अतः उपाय अच्छा ही है. किसी मिस्त्री का जूगाड़ करें जो फोन के डाँचे में इयरफोन को अटैच कर दे. वह हल्का फूल्का रहेगा.
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जन्मदिन की शुभकामनाऐं.. जुगाड़ अच्छा है पर सर पर पट्टा.. और चेहरे से चिपका फोन असहज नहीं करता?
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विलंबित हैप्पी बड्डे ज्ञान जी। अपने को पता नहीं था अन्यथा टैम से "जन्मदिन मुबारक" कहते। :)आपके फोन में हैन्ड्स फ्री स्पीकर पर बात करने में दिक्कत होती है तो फोन इंस्ट्रूमेन्ट बदल डालते। मोबाइल में यह समस्या प्रायः नहीं होती क्योंकि फोन के साथ आजकल हैन्ड्स फ्री अटैचमेन्ट मिल जाता है।बाकी आपका जुगाड़ भी बढ़िया है, सस्ते में मामला निपटा और काम भी बन गया टकाटक।बाकी आपको स्वास्थ्य लाभ शीघ्र हो यही मंगलकामना। यदि दवा से लाभ न हो रहा हो तो डॉक्टर को कंसल्ट करें, ब्लॉग पर न पूछें पाठकों से कि कौन सी दवा ली जाए!! ;)
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अच्छा किया आपको फ़ोनियाये नहीं बधाई देने के लिये।
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आइडिया तो अच्छा है पर थोड़ा भारी दिखता है. इसका दूसरा इलाज़ ये हो सकता है कि लैंड-लाइन से आने वाली काल को मोबाइल पर डाइवर्ट कर लें. मोवाइल के स्पीकर से सुना जा सकता है और उसकी हैंड्सफ्री तार को कालर में लगाकर आराम से जवाब दिया जा सकता है.
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