माघ मेला के बाद गंगा नदी में पानी की आमद घट गई है। लिहाजा नये टापू उभरने लगे हैं। आज सवेरे देखा कि पिछले हफ्ते में उभर आये टापू पर भी खेती प्रारम्भ हो गयी है। सवेरे सवा छ बजे सूर्योदय नहीं हुआ था, पर एक नाव उन पर जा रही थी।
यह फोटो मोबाइल कैमरे से नाइट मोड में लिया गया है।
Published by Gyan Dutt Pandey
Exploring rural India with a curious lens and a calm heart.
Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges.
Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh.
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— reflections from a life “Beyond Seventy”.
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मिश्राजी,आप लिखते हैं "कैमरा मॉडल नोकिया N70-1 और समय ९ फरवरी को सुबह ६:३४ बजे का समय बता रही है ये तस्वीर"यह सूचना आपको कहाँ से मिली?तसवीर को ध्यान से देखा। यह सूचना ईस ब्लॉग पर छपी तसवीर पर कहीं भी दिख नहीं रही।जी विश्वनाथ
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देव !टापुओं का स्थिर समर्पण दर्शनीय है .. धारा तो वहनीय है …फोटो से पता नहीं चला कै बीघा खेत है … गंगा जी की गोद में … आभार ,,,
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जीवन सदैव नए जीवन के अवसर तलाशता है और इसी में छुपा है जीवन की निरंतरता का रहस्य।
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कभी मोबाईल का भी फ़ोटो लगा दिया जाये, पता तो चले कि कौन नामुराद कंपनी का है जो इत्ते अच्छॆ फ़ोटू खेंचता है।
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सरकार कहती है कि पैदावार कम हो गयी है तो शायद गंगा मईया को लोगों पर रहम आ गया है। तस्वीर अच्छी है आभार्
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फोटो बेहतर है । दिख रहा है सब कुछ । हाँ हमें अब टापुओं की हलचल का पता चलता रहेगा यहाँ ।
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सही है.
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घूमने का रतिया में ही निकर जाते हैं??
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कैमरा मॉडल नोकिया N70-1 और समय ९ फरवरी को सुबह ६:३४ बजे का समय बता रही है ये तस्वीर. अच्छा हुआ आपने नाइट मोड के बारे मे भी बता दिया।धन्यवाद।
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आनन्द आयेगा .तरबुज,खरबुज,ककडी, लौकी ,गन्गा फ़ल,करेला,तुरई ना जाने क्या क्या होगा .अब तो थैला लेकर ही जाये वहा फ़सलाना जो मिलेगा
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