कल ललही छठ थी। हल छठ – हलधर (बलराम) का जन्म दिन। कभी यह प्रांत (उत्तरप्रदेश) मातृ-शक्ति पूजक हो गया होगा, या स्त्रियां संस्कृति को जिन्दा रखने वाली रह गई होंगी तो उसे ललही माता से जोड़ दिया उन्होने। स्त्रियां इस दिन हल चला कर उपजाया अन्न नहीं खातीं व्रत में। लिहाजा प्रयोग करती हैंContinue reading “ललही छठ”
Monthly Archives: Aug 2010
ट्विट ट्विट ट्वीट!
दीपक बाबा जी कहते हैं - ज्ञानदत्त जी, आपके ब्लॉग पर तो ट्वीट चल रहा है ….. चार लाइन आप लिख देते हो बाकी ३०-४० टिप्पणियाँ जगह पूरी कर देती हैं. कुल मिला कर हो गया एक लेख पूरा. शायद बुरा मान जाओ ……… पर मत मानना ……. इत्ता तो कह सकते हैं. दीपक जीContinue reading “ट्विट ट्विट ट्वीट!”
बोकरिया, नन्दी, बेलपत्र और मधुमेह
अपनी पूअर फोटोग्राफी पर खीझ हुई। बोकरिया नन्दी के पैर पर पैर सटाये उनके माथे से टटका चढ़ाया बेलपत्र चबा रही थी। पर जब तक मैं कैमरा सेट करता वह उतरने की मुद्रा में आ चुकी थी! बेलपत्र? सुना है इसे पीस कर लेने से मधुमेह नहीं होता। बोकरिया को कभी मधुमेह नहीं होगा। पक्का।Continue reading “बोकरिया, नन्दी, बेलपत्र और मधुमेह”
गौतम शंकर बैनर्जी
उस दिन शिव कुमार मिश्र ने आश्विन सांघी की एक पुस्तक के बारे में लिखा, जिसमें इतिहास और रोमांच का जबरदस्त वितान है। सांघी पेशेवर लेखक नहीं, व्यवसायी हैं। कुछ दिन पहले राजीव ओझा ने आई-नेक्स्ट में हिन्दी ब्लॉगर्स के बारे में लिखा जो पेशेवर लेखक नहीं हैं – कोई कम्प्यूटर विशेषज्ञ है, कोई विद्युतContinue reading “गौतम शंकर बैनर्जी”
आखरी सुम्मार
मन्दिर को जाने वाली सड़क पर एक (अन)अधिकृत चुंगी बना ली है लुंगाड़ो नें। मन्दिर जाने वालों को नहीं रोकते। आने वाले वाहनों से रोक कर वसूली करते हैं। श्रावण के महीने में चला है यह। आज श्रावण महीने का आखिरी सोमवार है। अब बन्द होने वाली है यह भलेण्टियरी। आज सवेरे-सवेरे एक स्कूटर सवारContinue reading “आखरी सुम्मार”
जगदेव पुरी
जगदेव पुरी जी शिवकुटी के हनुमान मन्दिर में पूजा कार्य देखते हैं। उम्र लगभग ८५। पर लगते पैंसठ-सत्तर के हैं। यह पता चलते ही कि वे पचासी के हैं, मेरी पत्नीजी ने तुरत एक लकड़ी तोड़ी – आपको नजर न लगे। आप तो सत्तर से ऊपर के नहीं लगते! आप सौ से ऊपर जियें! हमContinue reading “जगदेव पुरी”