मुझे पर्यावरण के प्रति चिंता है। मुझे विकास के प्रति भी चिंता है। यह तय है कि तीव्र गति से विकास के लिये हमें ऊर्जा उत्पादन की दर बढ़ानी होगी। इतनी बढ़ी दर के लिये नॉन कंवेंशनल स्रोत पर्याप्त नहीं होंगे।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
मुझे पर्यावरण के प्रति चिंता है। मुझे विकास के प्रति भी चिंता है। यह तय है कि तीव्र गति से विकास के लिये हमें ऊर्जा उत्पादन की दर बढ़ानी होगी। इतनी बढ़ी दर के लिये नॉन कंवेंशनल स्रोत पर्याप्त नहीं होंगे।