संगम क्षेत्र में जमुना गंगाजी से मिल रही थीं। इस पार हम इलाहाबाद किले के समीप थे। सामने था नैनी/अरईल का इलाका। दाईं तरफ नैनी का पुल। बस दो चार सौ कदम पर मिलन स्थल था जहां लोग स्नान कर रहे थे। सिंचाई विभाग वालों का वीआईपी घाट था वह। मेरा सिंचाई विभाग से कोईContinue reading “संगम, जल कौव्वे और प्रदीप कुमार निषाद की नाव”
Monthly Archives: Jan 2012
पुला पर रेलगाड़ी
छोटा सा बच्चा अपने अभिभावक के साथ गंगा किनारे खड़ा था और नदी की गतिविधियों पर तरह तरह के सवाल पूछ रहा था। अवधी-भोजपुरी में बात कर रहा था। बहुत मीठी आवाज थी उसकी। नाव, चिड़ियाँ, किनारे की खेती आदि के बारे में प्रश्न कर रहा था और अभिभावक बहुत प्रेम से उत्तर दे रहाContinue reading “पुला पर रेलगाड़ी”
कन्दमूल-फल, चिलम और गांजा
वह लड़का बारह-तेरह साल का रहा होगा। एक जैकेट और रफू की गई जींस का पैण्ट पहने था। माघ मेला क्षेत्र में संगम के पास सड़क के किनारे अखबार बिछा कर बैठा था। खुद के बैठने के लिये अखबार पर अपना गमछा बिछाये था। वह कन्दमूल फल बेच रहा था। सफेद रंग की विशालकय जड़ काContinue reading “कन्दमूल-फल, चिलम और गांजा”
