इस्माइल फेरीवाला ने मॉपेड खरीद ली है। बीस हजार का डाउन पेमेण्ट किया है, बाकी किश्त। करीब चौबीस सौ रुपया महीने की किश्त होगी। पहले साइकिल से चलता था तो आस पास के दस किलोमीटर का राउण्ड लगाता था। अब कछवाँ तक हो आता है। ज्यादा दूर तक जाने और नयी दुकानें कवर करने से ग्राहकी बढ़ी है और बिक्री भी। हाथ की तीन उंगलियाँ उठा कर इस्माइल बताता है कि तीन गुना हो गयी है।
मॉपेड से सवेरे दो घण्टा फेरी का काम करता है इस्माइल। उसके बाद कार्पेट बुनकर का काम। पहले साइकिल से भी दो घण्टा फेरी का काम करता था। समय उतना ही, सामान अब ज्यादा ले कर चलता है और आमदनी तीन गुना। इस्माइल ने बताया कि मॉपेड के लोन की किश्त भरना अखरता नहीं।
वह उमेश की किराना दुकान के पास इंदारा के चबूतरे पर बैठा था। मैंने बिक्री तीन गुना होने की बात सुन कर उसका चित्र लेना चाहा तो वह बोला – “चच्चा, अईसे न लीजिये। मोटरसाइकिल के साथ खड़ा हो जाऊं तब लीजिये। और गूगल पर डाल दीजियेगा।” 🙂

मॉपेड से सवेरे दो घण्टा फेरी का काम करता है इस्माइल। उसके बाद कार्पेट बुनकर का काम। पहले साइकिल से भी दो घण्टा फेरी का काम करता था। समय उतना ही, सामान अब ज्यादा ले कर चलता है और आमदनी तीन गुना। इस्माइल ने बताया कि मॉपेड के लोन की किश्त भरना अखरता नहीं।
चमचमाती रखता है वह मॉपेड। पेट्रोल की टंकी को गांती पहना कर रखा है। बताया कि खुद ही सिली है। उसके पास सामान का थैला रख कर चलता है। कपड़ा पहनाने से टंकी का स्पिलओवर का पेट्रोल सामान को खराब नहीं करता। इसके अलावा टंकी का बाहरी भाग भी साफ रहता है।
एक बार में तीन सौ या साढ़े तीन सौ का तेल भराता है और टंकी फुल हो जाती है।

गांवदेहात में इस्माइल मेरे ब्लॉग का एक नियमित सा चरित्र बनता जा रहा है। उसके विषय में पहले भी कई पोस्टें हैं। इसके अलावा फेसबुक पेज या ट्विटर पर भी पोस्ट किया हुआ है, जिसका हिसाब किताब ही नहीं रहता। मैं चाहता हूं कि इस्माइल की बरक्कत हो। उसकी बढ़त की स्टोरी से मेरी ब्लॉग की भी बरक्कत होगी। देखते हैं कि गांव के कोने में होने के बावजूद, इस्माइल जैसे चरित्रों पर उत्तरोत्तर लोग और आकर्षित होते हैं या नहीं – इस्माइल जैसे लोग गांवदेहात की सक्सेस स्टोरी हैं। 🙂
इस्माइल कुशल सेल्समैन है। चलते चलते बोला – चच्चा कुछ तो ले लो। यह रस्क बढ़िया है। गुडमॉर्निंग ब्राण्ड। दस रुपये का है। मैंने खरीद ही लिया।
Inse logon ko kuch sikh lena chahiye
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उद्यमियों के लिये कहीं काम की कमी नहीं है। अन्य भी यदि इस्माइल से सीखें, तो सुख से रहेंगे। नहीं तो सबको गरियाने के लिये वाणी तो है ही।
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इस्माइल उस इलाके में है जहां हर दूसरा आदमी कोस रहा होता है कि कोई काम नहीं है. सरकार नौकरी दे नहीं रही.
और वह मोबाईल पर वीडियो सुने जाता है या गाने बजाये जाता है.
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Sir gaon k patron ka sunder chitran
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धन्यवाद! 😊
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