प्रेमसागर – यात्रा की प्रकृति बदल गयी है


अब तक तो प्रेमसागर की रिजर्व ऊर्जा काम आती रही है। उसके बल पर उन्होने वर्षा के विषम महीनों में भी लम्बी लम्बी यात्रायें की। अब उन्हें शरीर की मांग के आधार पर चलना चाहिये।

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