रविवार की यह क्रियायें हम लोगों के जीवन में उत्सव की तरह बनती जा रही हैं। साप्ताहिक उत्सव। इनके लिये शुरू में अहसास नहीं हुआ; पर अब धीरे धीरे कण्डीशनिंग हो गयी है। हम दम्पति को रविवार की प्रतीक्षा रहती है।
Monthly Archives: Feb 2022
एक ब्लॉग पोस्ट को कितने चित्र चाहियें?
पत्नीजी और बिटिया की ‘चढ़ाई’ को अहमियत दो पर उससे कुण्ठित होने या अड़ियल टट्टू की तरह न मानने की जरूरत नहीं है। … पांड़े जी; निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाय! वे तुमारी जिंदगी के थर्ड-फोर्थ फेज के सबसे बड़े साथी हैं!
दोस्ती अनोखी – चिल मारिये यार
भीगी लड़की को उनकी पत्नी तौलिये से सुखाती हैं और एक ग्लास गर्म दूध उसके हाथ में दे रखा है। तब प्रारम्भ होती है अनोखी दोस्ती जगन्नाथ और पूर्वी की। वह जगन्नाथ जी की चिड़चिड़ी आदत पर कहती है – चिल मारिये; इतना टेन्शन क्यूं है यार!
