कोलाहलपुर के सुरेश

सवेरे साढ़े सात बजे गंगा किनारे दिखे सुरेश। गंगा स्नान कर एक लोटा जल लिये लौट रहे थे। उसी लोटे से एक बार थोड़ा जल हनुमान मंदिर की ओर रास्ता चलते प्रणाम कर गिराया और आगे बढ़ गये। एक हाथ में लोटा और एक हाथ में मोटी लाठी लिये हुये।

मैं उनके पीछे पीछे वापस लौट रहा था। रास्ता ओवरटेक करने की सम्भावना नहीं थी इसलिये साइकिल थामे मैं भी पैदल चल रहा था। बातचीत हुई।

सुरेश एक हाथ में लोटा और एक हाथ में मोटी लाठी लिये हुये।

सुरेश सवेरे नित्य घर से गंगा तट पर आते हैं। शौच के लिये गंगाजल का प्रयोग नहीं करते। उसके लिये घर से लोटे में पानी ले कर निकलते हैं। नदी किनारे बबूल के वृक्ष हैं। उनसे दातुन के लिये टहनी तोड़ने के लिये लाठी ले कर आते हैं। “वर्ना अभी तीन पैर वाली उम्र नहीं हुई।” – सुरेश ने कहा कि उनकी उम्र अभी पचास के आसपास है। लाठी का उपयोग टेक कर चलने के लिये नहीं होता।

काम क्या करते हैं? पूछने पर सुरेश ने सामान्य जनों की तरह उत्तर दिया – बुनकर का काम करते हैं। पर उससे कोई खास कमाई नहीं होती। बस काम चल रहा है। बहुत से लोग बुनकर का काम ही करते हैं। सेण्टर से कच्चा माल ले कर आते हैं और डिजाइन अनुसार बुनने के बाद सेण्टर पर देने से उन्हे काम के अनुपात में भुगतान होता है। सुरेश के अनुसार दो सौ रुपया रोज की आमदनी है। “इससे बढ़िया कहीं नौकरी/वाचमैनी होती?”

कोलाहलपुर का गंगा तट

हर आदमी नौकरी की लालसा रखता है। बुनकर का काम हुनर का काम है। पर उसमें आमदनी मन माफिक नहीं। मात्र गुजारे लायक होता है वह उपक्रम। मैं सुरेश को लोलई राम गुप्ता के बारे में बताता हूं, जिसकी भिण्डा बेच कर दिन भर की आमदनी पांच सात सौ रुपया रोज है। पर वह काम सुरेश को रुचता नहीं। “काहे कि वह काम कभी किया नहीं है।” कोई नया काम पकड़ने का भय भी उनमें है। वे लगता है, जो कर रहे हैं, वही करते रहेंगे। एक बड़ी ग्रामीण आबादी सुरेश की तरह है – सरल, धार्मिक, अपनी लीक पर चलने वाली और किसी प्रकार के नये प्रयोग के प्रति झिझक रखती हुई।

सुरेश

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Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

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