प्रेमसागर – द्वादशज्योतिर्लिंग काँवर यात्रा सम्पन्न

अठाईस अगस्त 2021 रहा होगा जब प्रेमसागर ने प्रयागराज संगम से जल ले कर कांवर यात्रा प्रारम्भ की होगी बाबा विश्वनाथ के लिये। पतली से कांवर जो गोपीगंज के आसपास टूट गयी। किसी सज्जन ने उन्हें एक लाठी दी जिसे कांवर बना कर वे आगे बढ़े। मुझे वे तीस अगस्त को मिले पहली बार मेरे घर के पास हाईवे पर।

प्रेमसागर दो साल की अवधि मान कर चल रहे थे इस पैदल यात्रा के लिये। पर वह, विघ्न-बाधाओं के बावजूद, कल सोलह जुलाई 2022 को बाबा बैजनाथ धाम में जल चढ़ाने के साथ वह सम्पन्न हुई। साल भर से भी कम समय में।


वे द्वादशज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा पर निकले थे। उन्हें न रास्ता मालुम था, न साधन थे उनके पास। कोई सम्पर्क सूत्र भी नहीं थे। वे बात कर रहे थे कि उज्जैन जायेंगे और वहां से ॐकारेश्वर। नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकण्टक का तो नाम भी नहीं लिया था मेरे सामने। पर यात्रा ने मेरे देखते देखते आकार लिया। और वह वृहत यात्रा बन गयी। बहुत कुछ मत्स्यावतार की तरह! वह मछली जो अंजुरी में समाई थी और जो इतनी विशालकाय मत्स्य बनी कि मनु ने कल्पना भी नहीं की होगी।

प्रेमसागर दो साल की अवधि मान कर चल रहे थे इस पैदल यात्रा के लिये। पर वह, विघ्न-बाधाओं के बावजूद, कल सोलह जुलाई 2022 को बाबा बैजनाथ धाम में जल चढ़ाने के साथ वह सम्पन्न हुई। साल भर से भी कम समय में।

कल सवेरे सवा सात बजे उनसे बात हुई तो उस समय वे देवघर में वैद्यनाथ धाम में लाईन में लगे थे जल चढ़ाने के लिये। उनको 2091 नम्बर का टोकन मिला था। लाइन धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। कभी खड़े रह कर और कभी बैठ कर वे लाइन में आगे बढ़ रहे थे। भीड़ में उनका चश्मा भी कहीं गिर कर गुम हो गया था। वे मोबाइल पर संदेश भेजने की अवस्था में भी नहीं थे। फोन पर मुझे बोला – “भईया, हो सकेगा तो आज ही चश्मा बनवा लूंगा। उसके बिना काम नहीं चलेगा।”

उन्हें अपना गंतव्य सामने दीख रहा था। उनके अनुसार उनका शरीर थक गया था। पिछ्ले दो दिनों में उनकी चलने की रफ्तार उनके अपने औसत से कहींं कम थी। बता रहे थे कि बालू बिछा दी गयी है मार्ग में और मौसम की गर्मी में वह गर्म हो जाती है। पर अब लाइन में लगे अपने जल चढ़ाने का इंतजार करते प्रेमसागर झारखण्ड प्रशासन की व्यवस्था के गुण गा रहे थे। “प्रशासन व्यवस्था बहुत अच्छी है। लाइट लगी हैं। पैरों पर वे जल डालते हैं। बालू भी लाल वाली बिछा रखी है”।

*** द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा पोस्टों की सूची ***
पोस्टों की क्रम बद्ध सूची इस पेज पर दी गयी है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा पोस्टों की सूची

उसके बाद मैं अपनी पत्नीजी के मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद उनकी पट्टी खुलवाने में व्यस्त था, तब पौने दस बजे प्रेमसागर का फोन आया। उन्होने जल चढ़ा दिया था। यात्रा सम्पन्न हो गयी थी। वे वीडियो कॉल कर आसपास का दृष्य दिखाना चाहते थे, पर बाहर अस्पताल में होने के कारण वह कॉल ले नहीं पाया मैं। उनके भेजे चित्र ह्वाट्सएप्प पर मिले। दिन भर भी व्यस्तता के कारण उनसे बात नहीं हुई। पर वे बैजनाथधाम से वासुकीनाथ जायेंगे दर्शन के लिये। जो भी भक्त आते हैं बाबाधाम दर्शन के लिये वे वासुकीनाथ जरूर जाते हैं। “भईया, कहा जाता है बाबाधाम हाईकोर्ट है तो वासुकीनाथ सुप्रीमकोर्ट।” वासुकीनाथ जाना तो एक दो दिन बाद होगा और वह किसी वाहन की सहायता से।

आज सवेरे प्रेमसागर वापस लौट रहे थे पैदल उसी कांवर मार्ग पर सुल्तानगंज की ओर कटोरिया के लिये। सवेरे छ बजे बात हुई तो बताया घण्टा भर में पंहुच जायेंगे। “रास्ता में कुछ लोग चाय पिलाने वाले हैं। वहां रुकूंगा भईया। उसके बाद कटोरिया में प्रदीप मिश्रा जी ने एक स्वागत समारोह रखा है। उनके पास रुकूंगा।” – प्रेमसागर ने बताया। वे पैदल चल रहे हैं। पैदल चलने की बाध्यता नहीं है अब पर “पैदल जल्दी पंहुच जायेंगे। वाहन से तो ज्यादा समय लगेगा। रास्ता लम्बा होगा।”

पदयात्री को पैदल चलने से कभी परहेज नहीं होता! :-)

पिछले दो दिनों की यात्रा के बारे में भी उन्होने बताया था, उनके बारे में भी एक पोस्ट लिखना शेष है। एक दो दिन में वह लिखना सम्पन्न होगा। प्रेमसागर की पद यात्रा सम्पन्न हो गयी है। उसका लेखन भर वाइण्ड-अप करना है मुझे।

जय बाबा वैद्यनाथ! जय महादेव! हर हर हर हर महादेव!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

12 thoughts on “प्रेमसागर – द्वादशज्योतिर्लिंग काँवर यात्रा सम्पन्न

  1. उनके साथ साथ आपको भी बहुत बहुत बधाई, क्योंकि इस यात्रा में मध्य प्रदेश में प्रवेश के आगे आपके तमाम लोगों का सहयोग बहुत ही सहायक रहा।उससे भी बढ़कर इस यात्रा को लिखना भी एक भगीरथ प्रयास से कम नहीं था,जो कि आपने किया। आपके लिखने की वजह से बड़े पटल पर लोगों ने भी जाना और उसमें अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए।
    इसके लिए आपको भी बहुत बहुत बधाई और नमन। 🙏🙏

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  2. जो व्यक्ति कभी एक किलॉमेटर भी न चल पाने की स्थिति में हो और अपने इच्छाशक्ति के बल पर कई हज़ार किलोमीटर की यात्रा सम्पन्न किया,इसको आजके युग के किसी चमत्कार या आधुनिक भगीरथ प्रयास से कम नहीं कहा जा सकता। इस पर एक पुस्तक लिखी जा सकती है जो कि दूसरों के लिए बिभन्न छेत्रो में प्रेरणा श्रोत हो सकती है।
    प्रेम सागर को यात्रा सम्पन्न होने पर बहुत बहुत बधाई और नमन। 🙏

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    1. मुझे भी लगता है कि पुस्तक गठित होनी चाहिए. उसका कच्चा माल तो है ही. बस संकल्प करने की जरूरत है. 😁

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  3. बीच में उनकी शिवयात्रा की कड़ी कुछ टूटी रही है, प्रेमसागर जी के अनचाहे असहयोग से।

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    1. कुल मिलाकर यात्रा और लेखन की संतोष जनक जुगलबंदी रही. आनंद आया मुझे!

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  4. अत्यन्त प्रसन्नता का विषय है कि वर्ष होने के पहले ही यात्रा पूरी हो गयी। यदि पूरी यात्रा का लेका जोखा होता तो एक पुस्तक के रूप में पाठकगण पढ़ते, पर डिजिडल यात्रा में व्यवधान रहा। जितना भी जाना, जय हो आपकी और प्रेमसागरजी की।

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    1. जी हां, एक संतोष तो हो रहा है…
      आप भी यात्रा के पूरे दौरान सहभागी रहे. आपकी जय हो 🙏🏼

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