शाम के समय प्रेमसागर का मैसेज था। एक टेम्पू वाला साइड से उन्हें धक्का मारते चला गया था। धक्का लगा तो गिर गये। चोटें आईं। खुद उठने का प्रयास करते तब तक बगल की दुकान से एक नौजवान दौड़ कर आये। उन्होने उठाया।
Daily Archives: 18.04.2023
वृद्धो याति गृहीत्वा दण्डं, तदपि न मुञ्चत्याशापिण्डम्
आत्मबुद्धि वाला भाव दिन भर में पांच दस मिनट रहता है। वह बढ़े। सोवत जागत आत्मबुद्धि रहे। तब कोई समस्या नहीं। देह की और जीव की दशा जैसी भी हो, क्या फर्क पड़ता है तब। स्थितप्रज्ञ बनना ध्येय होना चाहिये।
