ईंटवा का गंगा तट


लगता है ये मछलियां गंगा के जल में बह कर आगे नहीं निकल जातींं। यहीं रहती हैं। गंगा किनारे की मछलियां। मैं सोचता था कि जो जल में है सब बहता है। सब यात्रा पर है। पर वैसा नहीं है। कुछ जलचर भी एक ही जगह रहते हैं।

प्रेमसागर – तामलुक से चण्डीपुर


“भईया, दोपहर तीन बजे बड़ी तेज बरसात हुई। हाईवे के ओवरब्रिज के पास तो बुरी तरह भीग गया। एक होटल दिखा। मुझे लगा कि मुझे बुखार हो गया है भीगने से।…”
प्रेमसागर की यात्रा कठिन होती जा रही है।

प्रेमसागर – तामलुक से ओडिसा की ओर


प्राचीन मंदिरों, तटीय शहरों और समुद्र की छटा, ऐतिहासिक इमारतों, सुंदर कलाकारी और काष्ठ कला का प्रांत है ओडिसा! देखता हूं, प्रेमसागर कितना दिखाते हैं!

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