गांवदेहात में दो-चार प्रतिशत लोग रमापति-शीला जैसे हों तो रोजगार की समस्या का निदान हो जाये।…शीला मास्टरानी की बातचीत में अदब, सजगता और आत्मविश्वास सब है। वह गांवदेहात में कम ही नजर आता है।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
गांवदेहात में दो-चार प्रतिशत लोग रमापति-शीला जैसे हों तो रोजगार की समस्या का निदान हो जाये।…शीला मास्टरानी की बातचीत में अदब, सजगता और आत्मविश्वास सब है। वह गांवदेहात में कम ही नजर आता है।