रात भर डीजे बजेगा – लवण्डिया लंदन से …

मेरे घर के बगल में है कटका रेलवे स्टेशन। उसके आईलैण्ड प्लेटफार्म पर अतिक्रमण रहता है गांव वालों का। बच्चे खेलते हैं वहां दिन भर। दो चार सामंती अवशेष सुबह शाम प्लेटफार्म पर अपना बेटन या छड़ी ले कर ब्रिस्क वॉक करते हैं। बगल की बस्तियों के लोग वहां अपने लूगड़े और अचार खटाई सुखाते हैं। पटरियों से बच बचा कर गायें, बकरियां और मुर्गियां भी टहलती हैं। गांव का कोर्टयार्ड जैसा है प्लेटफार्म।

आजकल खेत खाली हैं। रेल लाइन/प्लेटफार्म और मेरे घर के बीच मेजर साहब का खेत है। मेजर साहब तो बनारस में रहते हैं पर उनका अधियरा खेती करता है। अभी धान की नर्सरी बनाने में एक पखवाड़ा शेष है। तब तक बगल के पसियान की दो तीन शादियां इस खेत की बदौलत निपट जायेंगी।

आज शामियाना सज रहा है। बरात ठहरेगी यहां। सड़क के दूसरी ओर लड़की वाले का घर है। वहां शादी के भोज का शामियाना लग गया है। सब्जियांं कट रही हैं। पूड़ी छानने का उपक्रम होने जा रहा है। बरात तो रात बारह बजे तक ही आयेगी। हम घर में सो रहे होंगे तभी बैंड बाजा और आतिशबाजी शुरू होगी। रात भर डीजे बजता रहेगा। भोजपुरी श्लीलाश्लील गाने बजेंगे। अरहर के खेत की रास लीला की चर्चा वाला गीत बार बार बजेगा। यह वाला गाना भी बार बार आयेगा – लवण्डिया लंदन से लायेंगे, रात भर डीजे बजायेंगे। पिछली शादी में पीने पिलाने के बाद डीजे पर नाचते दो बस्तियों के लोगों में मारपीट हो गयी थी। दो चार के सिर भी फूटे थे। उसकी चर्चा विवाह संस्कार के सांस्कृतिक अंग के रूप में अभी तक की जा रही है। यह भी सम्भावना है कि वैसा कुछ इस बार भी हो।

कुल मिला कर हमें आज निर्बाध नींद मिलना असम्भव है। ऐसे मौकों के लिये मैने ईयर प्लग का जोड़ा ले रखा है जिससे ध्वनि प्रदूषण का डेसीबल अस्सी फीसदी कम हो जाता है। पर जब आपके सिन के पास ही डीजे धांय धांय बज रहा हो तो बेचारा ईयर प्लग कितना कारगर होगा? हां रात में बिजली गुल हो जाये तो राहत मिल सकती है।

बहरहाल आज की रात नींद के कतल की रात है!

आज शामियाना सज रहा है। बरात ठहरेगी यहां।

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

4 thoughts on “रात भर डीजे बजेगा – लवण्डिया लंदन से …

  1. ये सर्वहारा के उत्थान को दिखलाती है. मारपीट दरअसल भ्रातृत्व और समरसता को बढ़ावा देने की तकनीकें हैं. अपने अपने पक्षों में भ्रातृत्व की भावना को बलवती करने का काम करती हैं, ऐसी घटनायें और इनका एक आर्थिक पहलू भी है. मारपीट से कपड़े फटते हैं, उनको खरीदना और सिलवाना, हाथ पांव में चोट आने पर चिकित्सक, दवा विक्रेता, दवा निर्माता और फिर थाना-कचहरी होने से पुलिस से वकीलों तक एक पूरा आर्थिक गतिविधियों का चक्र तेजी पकड़ता है. व्यवस्था में विश्वास ऐसी ही घटनाओं से बढ़ता है. दयानिधि.

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    1. आपका यह कॉन्ट्रेरियन नजरिया मुझे बहुत अपील किया! सच में ऐसा ही है! इसपर आगे और सोचूंगा। एक अलग व्यू देने के लिये बहुत धन्यवाद।

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