कालभैरव के भगत जीतेंद्र


वे सज्जन बनारस में प्रधानमंत्री जी के आज भी होने की बात कर रहे थे। उनके अनुसार मोदी जब भी आते हैं, तीन दिन रुक जाते हैं। उनके चक्कर में शहर का कामधाम बंद हो जाता है। बाजार के सेठ भी कहते हैं कि बिक्री कम होती है।

कोयल काली या चितकबरी?


काली कोयल, जिसे स्त्रीलिंग का सम्बोधन भारतीय साहित्य में मिलता है, वह असल में नर कोयल है। मादा कोयल तो यह भूरी, चितकबरी पक्षी है। बेचारी! इसका उल्लेख किसी ने न किया। साहित्यकारों का ऑब्जर्वेशन और सौंदर्यबोध अजीब ही है।

चिन्ना पाण्डे का अध्ययन – भूतॉनिक्स


“बाबा, भूतों को भी सस्टेनेंस के लिये कुछ तो ऑक्सीजन चाहिये। ज्यादा नहीं, एटमॉस्फीयर में पांच परसेंट ऑक्सीजन हो तो भी भूत रह सकते हैं। उन्हें जिंदा नहीं रहना होता, केवल होना होता है। वे तो मरने के बाद ही भूत बनते हैं, न!”

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