उदग्र हिंदुत्व – उदात्त हिंदुत्व


मैं सत्तर के दशक में पिलानी में कुछ महीने आर.एस.एस. की शाखा में गया था। शुरुआत इस बात से हुई कि वहां जाने से रैगिंग से कुछ निजात मिलेगी। पर मैने देखा कि वहां अपने तरह की रिजीडिटी है। मेरा हनीमून बहुत जल्दी समाप्त हो गया। उसका घाटा यह हुआ कि आर.एस.एस. से जुड़े अनेकContinue reading “उदग्र हिंदुत्व – उदात्त हिंदुत्व”

सीनियर सिटीजन लोगों का कम्पीटीशन


फुरसतिया सुकुल की अम्मा जी के बारे में पढ़ कर अपनी अम्मा को कम्पीटीशन में खड़ा करने का मन हुआ। उनका बोला का ऑडियो क्लिप पोस्ट पर डालने में कोई परेशानी नहीं है। उन्मुक्त जी से इतना तो सीख लिया है कि आवाज कैसे पोस्ट पर चढ़ाई जाये। चक्कर सिर्फ़ यह है कि हमारी अम्माContinue reading “सीनियर सिटीजन लोगों का कम्पीटीशन”

चिठ्ठाजगत के नये फीचर्स का प्रथम प्रयोग – मेरा चिठ्ठाजगत


मैने पहला काम चिठ्ठों को पसन्द करने का किया है। अब तक मेरे द्वारा चिठ्ठाजगत पर पसन्द किये चिठ्ठे शून्य थे। मैं सारा पठन गूगल रीडर के माध्यम से करता था। पर मेरा पसन्दीदा चिठ्ठाजगत का पन्ना मुझे प्रॉमिजिंग लगता है, और बहुत सम्भव है कि हिन्दी चिठ्ठा पठन इसके माध्यम से करने लगूं। मुझेContinue reading “चिठ्ठाजगत के नये फीचर्स का प्रथम प्रयोग – मेरा चिठ्ठाजगत”

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