बर्बरीक फिर मौजूद था. वह नहीं, केवल उसका सिर. सिर एक पहाड़ी पर बैठा सामने के मैदान पर चौकस नजर रखे था. ढेरों रूहों के शरणार्थी कैम्प, ढेरों रूहें/प्रेत/पिशाच, यातना/शोक/नैराश्य/वैराग्य/क्षोभ, मानवता के दमन और इंसानियत की ऊंचाइयों की पराकाष्ठा – सब का स्थान और समय के विस्तार में बहुत बड़ा कैनवास सामने था. हर धर्म-जाति-वर्ग;Continue reading “ढेरों कैम्प, ढेरों रूहें और बर्बरीक”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
अफसरी के ठाठ और आचरण नियमों की फांस
कल मैने अपनी मजबूरी व्यक्त की थी कि मै ब्लॉग पर एक सीमा तक लिख सकता हूं, उसके आगे बोलने के लिये मुझे अपने रिटायरमेण्ट तक रुकना पड़ेगा. बहुत से लोगों ने टिप्पणियों में कहा कि वे मेरे डिस्क्लोजर के लिये मेरे रिटायरमेण्ट का इंतजार नहीं कर सकते. वैसे मुझे कोई मुगालता नहीं है –Continue reading “अफसरी के ठाठ और आचरण नियमों की फांस”
बहुत अच्छा कहा खालिद मसूद जी!
पाकिस्तान में श्री खालिद मसूद, चेयरमैन, काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडिय़ॉलाजी ने कहा है कि हड़पी जमीन पर बनाये गये मदरसे और मस्जिदें शरीया के खिलाफ़ हैं. वहां की गयी प्रार्थना स्वीकार नहीं की जायेगी. कितने नेक विचार हैं. भारत में हर नुक्कड़-गली में हनुमान जी के मन्दिर, शिवजी की पिण्डी, पीर बाबा की मज़ार सार्वजनिकContinue reading “बहुत अच्छा कहा खालिद मसूद जी!”
