भविष्य से वर्तमान में सम्पदा हस्तांतरण


थामस एल. फ्रीडमान का न्यूयार्क टाइम्स का ब्लॉग पढ़ना आनन्ददायक अनुभव है। बहुत कुछ नया मिलता है। और वह पढ़ कर मानसिक हलचल बड़ी बढ़िया रेण्डम वाक करती है। बहुत जियें थामस फ्रीडमान। मुझसे दो साल बड़े हैं उम्र में। और समझ में तो सदियों का अन्तर होगा! अपने हाल ही के पोस्ट में उन्होनेContinue reading “भविष्य से वर्तमान में सम्पदा हस्तांतरण”

नैनो-कार की जगह सस्ते-ट्रैक्टर क्यों नहीं बनते?


मेरे प्रिय ब्लॉगर अशोक पाण्डेय ने एक महत्वपूर्ण बात लिखी है अपनी पिछली पोस्ट पर। वे कहते हैं, कि टाटा की नैनो को ले कर चीत्कार मच रहा है। पर सस्ता ट्रेक्टर बनाने की बात ही नहीं है भूमण्डलीकरण की तुरही की आवाज में। उस पोस्ट पर मेरा विचार कुछ यूं है: वह बाजारवादी व्यवस्थाContinue reading “नैनो-कार की जगह सस्ते-ट्रैक्टर क्यों नहीं बनते?”

बदलते परिदृष्य में वित्त का जुगाड़ ज्यादा जरूरी


कल मेरे एक मित्र और सरकारी सेवा के बैच-मेट मिलने आये। वे सरकारी नौकरी छोड़ चुके हैं। एक कम्पनी के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर हैं। वैसे तो किसी ठीक ठाक होटल में जाते दोपहर के भोजन को। पर बैच-मेट थे, तो मेरे साथ मेरे घर के बने टिफन को शेयर किया। हमने मित्रतापूर्ण बातें बहुत कीं।Continue reading “बदलते परिदृष्य में वित्त का जुगाड़ ज्यादा जरूरी”

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