पण्डाजी हैं स्वराज कुमार पाण्डेय। उनके स्वसुर जी की गद्दी थी शिवकुटी के पण्डा की। स्वसुर जी के लड़का नहीं था, अत: स्वराज कुमार जी को गद्दी मिली दहेज में! पहले पण्डाजी लाइटिंग-साउण्ड आदि का काम कराते थे। शादी व्याह, फंक्शन आदि में ठेकेदारी। उनको मशीनें ठीक करना आता है। मेरा भृत्य ऋषि कुमार बताताContinue reading “पण्डा जी”
Category Archives: आस-पास
मम, जै, आगा!
नत्तू पांड़े की भाषा में शब्द कम हैं, कारक-विशेषण-सर्वनाम पिद्दी पिद्दी से हैं। क्रियायें तो वैसी हैं जैसे ऊन बुचेड़ ली गयी भेड़ हों। पर अभिव्यक्ति बहुत है। पूरा शरीर अभिव्यक्ति का माध्यम है। उन्हे हम गंगा किनारे ले कर गये। घर से पैदल गये नत्तू पांड़े। पहले हनूमान जी के मन्दिर पर रुके। श्रद्धाContinue reading “मम, जै, आगा!”
पंड़िला महादेव
ज्यादा दूर नहीं है यह जगह। इलाहाबाद की सहसों तहसील में है। तेलियरगंज, इलाहाबाद (जिसके पास फाफामऊ पुल है) से चार-पांच किलोमीटर दूर होगी। शरीर और मौसम दुरुस्त हो तो पैदल दबाया जा सकता है। मौसम तो दुरुस्त था, पर मेरा शरीर उतना नहीं। अत: पैदल नहीं वाहन से गया। वापसी में जरूर फाफामऊ केContinue reading “पंड़िला महादेव”
