विकलांगता पर जयी जितेन्द्र


जितेन्द्र मेरे अन्यतम कर्मचारियों में से है। कार्य करने को सदैव तत्पर। चेहरे पर सदैव हल्की सी मुस्कान। कोई भी काम देने पर आपको तकाजा करने की जरूरत नहीं। आपकी अपेक्षा से कम समय में आपकी संतुष्टि वाला कार्य सम्पन्न कर आपको दिखाना जितेन्द्र को बखूबी आता है। और उस व्यक्ति में, आप क्या चाहतेContinue reading “विकलांगता पर जयी जितेन्द्र”

कटहल का पौधा


मेरे घर में कटहल का पौधा घर में है छोटा सा स्थान जहां हम वनस्पति लगा सकते हैं। उसी जगह में बीचों बीच इस बरसात के शुरू में हमने एक कटहल का बिरवा रोपा था। ईश्वर की कृपा से वह जड़ पकड़ गया। तीन महीने में अच्छी लम्बाई खींची है उसने। अब मैं देखता हूंContinue reading “कटहल का पौधा”

मैकदोनाल्द में देसी बच्चे


चार थे वे। आइसक्रीम ले कर काउण्टर से ज्यादा दूर चल कर सीट तलाशने का आत्मविश्वास नहीं था उनमें। सबसे नजदीक की खाली दो की सीट पर चारों बैठे सहमी दृष्टि से आस-पास देखते आइस्क्रीम खा रहे थे। मैं आशा करता हूं कि अगली बार भी वे वहां जायेंगे, बेहतर आत्मविश्वास के साथ। मैकदोनाल्द काContinue reading “मैकदोनाल्द में देसी बच्चे”

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