कल उत्तर-मध्य रेलवे की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की त्रैमासिक बैठक महाप्रबंधक श्री विवेक सहाय जी की अध्यक्षता में हुई। इस तरह की बैठक में सामान्यत: राजभाषा विषयक आंकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं। उनपर सन्तोष/असन्तोष व्यक्त किया जाता है। पिछले तीन महीने में राजभाषा अधिकारी की जो विभाग नहीं सुनता, उसपर आंकड़ों और प्रगति में कुछContinue reading “राजभाषा बैठक के दौरान इधर उधर की”
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होली का घोड़ा
कपड़े का घोड़ा। लाल चूनर की कलगी। काला रंग। भूसा, लुगदी या कपड़े का भरा हुआ। मेला से ले कर आया होगा कोई बच्चा। काफी समय तक उसका मनोरंजन किया होगा घोड़े ने। अन्तत: बदरंग होता हुआ जगह जगह से फटा होगा। बच्चे का उसके प्रति आकर्षण समाप्त हो गया होगा। घर में कोने परContinue reading “होली का घोड़ा”
पारिवारिक कलह से कैसे बचें
ज हां मैं रहता हूं , वह निम्न मध्यमवर्गीय मुहल्ला है। सम्बन्ध , सम्बन्धों का दिखावा , पैसा , पैसे की चाह , आदर्श , चिर्कुटई , पतन और अधपतन की जबरदस्त राग दरबारी है। कुछ दिनों से एक परिवार की आंतरिक कलह के प्रत्यक्षदर्शी हो रहे हैं हम। बात लाग – डांट से बढ़Continue reading “पारिवारिक कलह से कैसे बचें”
