टहनियों की छंटाई


*** टहनियों की छंटाई *** सुग्गी के लड़के हैं – गोविंद और राजा। गोविंद बीस-इक्कीस का होगा और राजा उससे दो-तीन साल छोटा। दोनो ने मिल कर मेरे घर के सागौन और पलाश के उन टहनियों को छांटा जो सूरज की रोशनी रोकती थीं। मौसम बदलने की अपनी जरूरते हैं। गर्मी में हमें छाया चाहिये।Continue reading “टहनियों की छंटाई”

चैट जीपीटी के साथ गांव के चित्रों पर बातचीत


चैटी – जब आप मुझसे पूछते हैं कि मेरी “अनुभूति की सीमाएं” क्या हैं, तो यह कह सकता हूं कि मेरी सीमाएं वहीं खत्म हो जाती हैं जहां मानव मन अपनी भावनात्मक और व्यक्तिगत यात्रा शुरू करता है।

सवेरे की चाय


हरे भरे परिसर में प्रकृति के बीच आधा-आधा लीटर चाय सेवन! गर फिरदौस बर रुये जमीन अस्त्। अगर पृथ्वी पर स्वर्ग कहीं है तो वह इंटरमिटेंट फास्टिंग के बाद सवेरे के चाय के इस अनुष्ठान में ही है। यहीं है, यहीं है और यहीं ही है!

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